निधन के दो साल गुजरने के बाद भी नहीं मिला झारखंड आंदोलनकारी के विधवा पत्नियों को पेंशन

झारखंड आंदोलनकारी की विधवा पत्नियों का आज भी पेंशन नहीं मिल पा रहा है. बोकारो की रहने वाली अजहर अंसारी और कालीचरण मांझी की पत्नियां आज भी सरकारी कार्यालयों का चक्कर लगा रही हैं

By Sameer Oraon | June 26, 2022 3:19 PM

बोकारो : बोकारो में रहने वाले झारखंड आंदोलनकारी के परिजनों की स्थिति आज भी बेहद खराब है. इसका उदाहरण गोमिया प्रखंड के साडम निवासी स्व अजहर अंसारी व चिलगडा निवासी कालीचरण मांझी हैं. दोनों के निधन हुए 2 साल गुजर गये लेकिन उन दोनों के विधवा पत्नियों को आज तक पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया है.

इधर इसकी सूचना मिलने पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी झारखंड राज्य कार्य समिति के सदस्य एवं झारखंड आंदोलनकारी इफ्तेखार महमूद ने इस मामले को उठाते हुए कहा है कि झारखंड आंदोलनकारी की विधावाओं को पेंशन भुगतान का मामला 2 वर्षों से गृह विभाग में लटका हुआ है.

क्या है मामला

गृह विभाग की अधिसूचना के अनुसार 22 जनवरी 2020 को जरीडीह प्रखंड के चिलगड्ढा निवासी कालीचरण मांझी पेंशन स्वीकृत हुआ. पेंशन भुगतान हेतु जब इसकी प्रक्रिया चल रही थी उसी वक्त कालीचरण मांझी की मौत हो गयी थी. तब बोकारो के डीसी ने उनके निधन की सूचना देते हुए उनकी पत्नी को पेंशन भुगतान करने का निर्देश दिया. लेकिन आज तक इसका लाभ उनकी पत्नी को नहीं मिल पाया.

ठीक यही स्थिति झारखंड आंदोलनकारी स्वर्गीय अजहर अंसारी की विधवा महमूदा खातून की भी है. उपायुक्त बोकारो ने नवंबर 2021 में ही भुगतान हेतु गृह विभाग को पत्र भेजा था, जिस पर अब तक कोई भी जवाब जिला प्रशासन को नहीं मिला.

इधर श्री महमूद ने मुख्यमंत्री अपील की है कि झारखंड आंदोलनकारियों को समुचित सम्मान दें. साथ ही साथ आंदोलनकारियों की विधावाओं के लिए जल्द से जल्द पेंशन भुगतान की प्रक्रिया शुरू कराई जाए.

रिपोर्ट- नागेश्वर कुमार

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