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25 लाख की आबादी पर मात्र 40 ट्रैफिक पुलिस, कैसे सुधरेगी यातायात व्यवस्था?

ट्रैफिक पुलिस. बल की कमी के कारण बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में नहीं है पोस्टिंग बोकारो : बोकारो जिला की आबादी लगभग 25 लाख है. ट्रैफिक समस्या व सड़क जाम से निजात दिलाने के लिए यहां मात्र 40 ट्रैफिक पुलिस है. बल व संसाधनों की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो […]

ट्रैफिक पुलिस. बल की कमी के कारण बेरमो अनुमंडल क्षेत्र में नहीं है पोस्टिंग

बोकारो : बोकारो जिला की आबादी लगभग 25 लाख है. ट्रैफिक समस्या व सड़क जाम से निजात दिलाने के लिए यहां मात्र 40 ट्रैफिक पुलिस है. बल व संसाधनों की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस अपने उद्देश्य में कामयाब नहीं हो पा रही है. ट्रैफिक पुलिस केवल चास व बोकारो शहरी क्षेत्र के कुछ हिस्सों में सुबह आठ बजे से रात दस बजे तक ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभाल रही है. बोकारो जिला ट्रैफिक पुलिस में बल की काफी किल्लत है. सरकार द्वारा यहां ट्रैफिक पुलिस बल की स्वीकृत संख्या 274 है. बल की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस केवल चास व बोकारो के लगभग पांच-छह किलोमीटर क्षेत्र में ही ट्रैफिक व्यवस्था की कमान संभाल रही है.
जिले में ट्रैफिक व्यवस्था की सबसे खराब स्थिति बेरमो क्षेत्र में है. यहां प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक सीसीएल की विभिन्न कोलियरी व अन्य उद्योग के लिये आते हैं. बल की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस द्वारा बेरमो क्षेत्र में किसी भी पुलिस कर्मी की पोस्टिंग नहीं की गयी है. इस कारण यहां की सभी मुख्य सड़क पर सुबह आठ बजे से लेकर शाम छह बजे तक जाम लगा रहता है. कई बार स्थानीय लोगों ने भी जाम से निजात पाने के लिए मुख्य सड़क पर ट्रैफिक पुलिस की पोस्टिंग करने की मांग की लेकिन सरकार के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
मात्र चास व बोकारो की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में परेशान है ट्रैफिक पुलिस
इन स्थानों पर पदस्थापित है ट्रैफिक पुलिस
पूरे जिले में ट्रैफिक पुलिस लगभग एक दर्जन स्थान पर तैनात हैं. इसमें नया मोड़, पत्थरकट्टा चौक, सेक्टर 12 मोड़, हवाई अड्डा मोड़, कैंप दो कोर्ट मोड़, गरगा पुल, धर्मशाला चौक चास, आइटीआइ मोड़ चास, जोधाडीह मोड़ चास व एसपी कार्यालय शामिल हैं. ट्रैफिक पुलिस की कमी के कारण चास के धर्मशाला चौक व बाइ पास रोड स्थित कुलदीप टॉकिज मोड़ के पास हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है. उक्त स्थान पर दुकानदार अपने सामान को दुकान से बाहर निकाल कर रख देते हैं. चास में नगर निगम के द्वारा कहीं भी वाहन पड़ाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. इस कारण आम जनता भी अपने वाहन को सड़क पर लगाकर खरीदारी करती है. जिस कारण हमेशा उक्त स्थल पर जाम की स्थिति बनी रहती है.
संसाधनों का भी घोर अभाव
ट्रैफिक पुलिस को प्रतिदिन सड़क जांच अभियान चला कर सरकारी राजस्व वसूलने की जिम्मेवारी दी गयी है. ट्रैफिक पुलिस के पास बल की कमी के साथ संसाधन का भी घोर अभाव है. संसाधन के नाम पर ट्रैफिक पुलिस को केवल एक जिप्सी, एक सुमो विक्टा व पांच बाइक दी गयी है. ट्रैफिक पुलिस के पास वाहन जब्त करने व उसे ले जाने के लिये न तो क्रेन है और न ही ट्रक है. अपनी बाइक व अन्य निजी वाहन का उपयोग कर ट्रैफिक पुलिस के जवान व अधिकारी चास व बोकारो की ट्रैफिक व्यवस्था दूर करने में लगे हुए हैं. सबसे बड़ी बात ट्रैफिक पुलिस के पास अपना कार्यालय भी नहीं है.
नया मोड़ स्थित एक प्रदूषण जांच केंद्र के छोटे से भवन में ट्रैफिक डीएसपी का कार्यालय है.
ट्रैफिक पुलिस में बल व संसाधन की काफी कमी है. बल की कमी के बाद भी जरूरत पड़ने पर बेरमो में भी ट्रैफिक व्यवस्था संभालना पड़ता है. ट्रैफिक व्यवस्था के साथ-साथ प्रत्येक माह लगभग छह से सात लाख रुपया राजस्व वसूली का काम भी ट्रैफिक पुलिस करती है.
सुनील कुमार रजवार, ट्रैफिक डीएसपी, बोकारो
स्वीकृत बल व कार्यरत बल में है काफी अंतर
सरकार द्वारा स्वीकृत कुल ट्रैफिक पुलिस की संख्या 274 है. इसमें डीएसपी-01, इंस्पेक्टर-01, परिचारी प्रवर-01, सार्जेंट-03, दारोगा-07, जमादार-07, हवलदार-50, चालक हवलदार-01 व चालक पुलिस-03 शामिल है. लेकिन फिलहाल ट्रैफिक पुलिस में केवल 40 पुलिस कर्मी कार्यरत हैं. इसमें डीएसपी-01, इंस्पेक्टर-01, सार्जेंट-01, दारोगा-04, जमादार-05, सिपाही व होमगार्ड-27 व हवलदार-01 कार्यरत हैं.

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