वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक हजार की जगह मात्र 34 गाय की हो सकी खरीद
सीपी सिंह
बोकारो : गौ विकास व स्व रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से झारखंड सरकार द्वारा शुरू की गयी दुधारु मवेशी वितरण योजना बोकारो में फेल हो गयी. गरीबी रेखा से नीचे की महिलाओं को दो गाय देने की योजना थी. बोकारो जिला को 500 यूनिट मतलब 1000 गाय लाभुकों को देने का टारगेट मिला. लेकिन बीते वित्तीय वर्ष 2016-17 में मात्र 34 गाय ही लाभुकों को दी गयी. हालांकि योजना को लेकर कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग (गव्य विकास) की ओर से कई स्तर पर कार्यक्रम किये गये.
योजना के तहत गाय की कीमत का 90 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार को देना था. मतलब प्रति यूनिट (दो गाय) एक लाख चार हजार 715 रुपया अनुदान राज्य सरकार देती. मात्र 10 प्रतिशत यानी 11 हजार 635 रुपया लाभुक को देना था. चुकी लाभुक गरीब रेखा से नीचे के थे, इसलिए यह 10 प्रतिशत पैसा देने की जिम्मेदारी झारखंड मिल्क फेडरेशन को दी गयी. नियम के अनुसार लाभुक को दूध बेच कर फेडरेशन का पैसा वापस करना था. लेकिन, फेडरेशन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और नतीजा सामने है.
ऐसे हुआ था लाभुकों का चयन : लाभुकों का चयन सीढ़ीनुमा तरीके से किया गया. सबसे पहले ग्राम सभा के सदस्यों की ओर से नाम प्रस्तावित किया गया. इसके बाद संबंधित क्षेत्र के बीडीओ ने बीपीएल लाभुकों की पुष्टि की. इसके बाद उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी ने उनके नाम पर मुहर लगायी. कमेटी के पास 1700 नाम आये थे, इनमें से 500 लाभुकों का चयन किया गया.
984 को दी गयी ट्रेनिंग
गौ पालन की तकनीक समझाने के लिए विभाग की ओर से ट्रेनिंग की बात कही गयी. पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक ट्रेनिंग दी गयी. बोकारो जिला में पंचायत स्तर पर 777 लोगों को ट्रेनिंग दी गयी. पेटरवार के कोह व बुंडू से 53-53, कसमार के खैराचातर से 70, टांगटोना से 64 व दांतू से 73, जरीडीह के टांड़मोहनपुर से 57, चास के उड़गोड़ा से 50, गोपालपुर से 50, बाधाडीह से 61 व पिंड्राजोरा से 52, चंदनकियारी के झालबरदा से 69 व कुरमीडोबा से 124 लोगों को ट्रेनिंग दी गयी. राज्य स्तरीय ट्रेनिंग 207 लोगों को दी गयी.
जिला में हैं सिर्फ दो दूध खरीद केंद्र
झारखंड मिल्क फेडरेशन को 10 प्रतिशत राशि के लिए लाभुक को हर दिन पांच लीटर दूध देना था. इसके लिए लाभुक को 32 रुपया प्रति लीटर के हिसाब से पैसा मिलता. अफसोस यह कि बोकारो जिला में दूध की खरीदारी के लिए मात्र दो सेंटर गोमिया व पेटरवार में बनाये गये है. जिला का क्षेत्रफल 2861 वर्ग किमी है. ऐसे में सिर्फ दो दूध खरीद केंद्र योजना के प्रति विभाग की गंभीरता को दिखाता है.