बोकारो: बोकारो कोर्ट परिसर में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने एडवोकेट एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ अपने आप को न्यायिक कार्य से अलग रखकर विरोध जताया. अधिवक्ताओं के विरोध के कारण बोकारो कोर्ट में कोई भी न्यायिक कार्य नहीं हुआ. अधिवक्ताओं ने सरकार के खिलाफ नारे भी लगाये.
इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल काउंसिल मेंबर सह स्थानीय अधिवक्ता रंजीत गिरी ने कहा : केंद्र सरकार अधिवक्ताओं के हित की अनदेखी कर रहा है. केंद्र सरकार प्रस्तावित एडवोकेट एक्ट संशोधन बिल संसद में लाने जा रही है. जो किसी भी तरह से जायज नहीं है. प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री से मिलकर विधेयक को रद्द करने का आग्रह किय जायेगा.
क्या है प्रस्तावित एडवोक्ट एक्ट : श्री गिरी ने कहा कि प्रस्तावित संशोधन विधेयक अव्यावहारिक है. इसमें बहस के दौरान यदि कोई अधिवक्ता ऊंची आवाज में बहस करेगा तो वह अवमानना श्रेणी में आयेगा. ऐसा कर अधिवक्ताओं का लाइसेंस भी रद्द करने का प्रावधान है. अधिवक्ताओं का लाइसेंस रद्द करने का भी प्रावधान लाया जा रहा है. मुवक्किल को यदि अधिवक्ताओं से शिकायत होगी तो इसके लिए अधिवक्ताओं पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आज के इस कार्यक्रम में बोकारो जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव एमके श्रीवास्तव, इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल काउंसिल मेंबर रंजीत गिरि, रजी अहमद, सफिक अंसारी, सुनील सिंह सिसोदिया, राम कुमार सिंह, नरेश महतो, सुनील चांडक, रवींद्र कुमार, एके मिश्रा, विनोद कुमार, अजीत ठाकुर, मोती लाल रजक, जी नारायण, रंजन कुमार मिश्रा, फटिक चंद्र सिंह, हरिवंश नारायण पोद्दार, विनोद गुड़िया, डीएन सिंह आदि मौजूद थे.