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मृत युवक को रख जीवित होने की मांगी जा रही दुआ
कतरास: सिवनडीह, अहमद नगर डुमरो (बोकारो) निवासी बीएसएल कर्मी मो गुलाम मुस्तफा के मृत पुत्र अंजुम रजा (22) को जीवित करने के लिए श्यामडीह मासूम शाह के दरबार में दिन भर ड्रामा चला. पिता को विश्वास है कि अंजुम मृत नहीं है, शैतानी असर के कारण वह बेहोश है, बच जायेगा. यहां जब अंजुम जीवित […]
कतरास: सिवनडीह, अहमद नगर डुमरो (बोकारो) निवासी बीएसएल कर्मी मो गुलाम मुस्तफा के मृत पुत्र अंजुम रजा (22) को जीवित करने के लिए श्यामडीह मासूम शाह के दरबार में दिन भर ड्रामा चला. पिता को विश्वास है कि अंजुम मृत नहीं है, शैतानी असर के कारण वह बेहोश है, बच जायेगा. यहां जब अंजुम जीवित नहीं हुआ तो उसे शाम को मेमारी शरीफ वर्द्धवान(पश्चिम बंगाल) ले गये. बताया जा रहा है कि वहां भी समाचार लिखे जाने तक दुआ मांगी जा रही है.
यह है मामला : अंजुम बीमार था. सभी जगह दिखाने के बाद भी ठीक नहीं हुआ तो पिछले एक माह से मासूम बाबा के दरबार में रह रहा था. रविवार तड़के उसका निधन हो गया. कमेटी ने परिजनों को सूचना दी तो माता-पिता पहुंचे.चिकित्सकों को दिखाया तो सभी ने मृत बताया. उसके बाद परिजन युवक के शव को लेकर शिवनडीह चले गये. सोमवार सुबह 10 बजे निकट के कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी हो चुकी थी. लेकिन इसी बीत टेहराटांड़ गोमो की एक लड़की जो, बराबर दरबार में हाजिरी लगाती है, ने फोन किया कि अंजुम जीवित है. उसे जकड़ा गया है. उसे मासूम बाबा के दरबार में ले जायें. वह खुद उठ कर पानी मांगेगा. परिजनों ने बताया कि फोन आने के तुरंत बाद अंजुम के शरीर से पसीना निकलने लगा. उसके बाद उसे दरबार लाया गया. लेकिन मृत अंजुम बचता कैसे? यह देख शाम को उसे बंगाल ले जाया गया.
क्या कहते हैं कमेटी के सदर : श्यामडीह मासूम बाबा अस्ताना कमेटी के सदर करीम अंसारी ने बताया कि दिसंबर माह में अंजुम का ब्रेन हेमरेज हुअा था. घर में ही उसकी दवा चल रही थी. लेकिन परिजन उसे कुछ माह पहले बाबा के दरबार में ले आये. जहां रविवार को उसकी मौत हो गयी. घर से फिर यहां यहां दुआ मांगने आ गये. बाबा के दरबार में किसी के लिए कोई रोक-टोक नहीं है.
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