स्ट्रेस से बचने के लिए चिकित्सकों का सहारा लेना चाहिए. अभिभावक बच्चों में भावना का प्रवाह करें. ऊंची शिक्षा के साथ-साथ व्यावहारिक ज्ञान दें. उच्च शिक्षा के बाद युवा को सही दिशा नहीं मिलती है, तो वे हताश हो जाते हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें एक नया विकल्प दें.
अध्यक्षता जीके उपाध्याय व संचालन प्रो पीएल वर्णवाल ने किया. धन्यवाद ज्ञापन सचिव नीरज कुमार ने किया. मौके पर चास कॉलेज चास के प्राचार्य डॉ एसके शर्मा, महिला कॉलेज की प्राचार्या डॉ सुनीता सिन्हा, चिन्मय विद्यालय के प्राचार्य डॉ अशोक सिंह, निरोगज्ञान के मीडिया प्रभारी राजीव कुमार सिंह, डॉ रघुवर सिंह, डॉ पीसी ठाकुर, डॉ पंकज शर्मा, डॉ एसएम ठाकुर, प्रमोद कुमार, सुमन अग्रवाल, काजल भालोटिया, जया सिन्हा सहित चास-बोकारो के दर्जनों गणमान्य लोग मौजूद थे.