होल्डिंग टैक्स बढ़ाने के खिलाफ आक्रोशित हैं चास के आम लोग

कई सामाजिक संगठनों द्वारा चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान चास : हाेल्डिंग टैक्स में वृद्धि का विरोध चास की आम जनता की ओर से शुरू कर दिया गया है. कई सामाजिक संगठन भी जन आंदोलन खड़ा करने में लगे हैं. मंगलवार को ह्यूमन हेल्प सोसायटी की ओर से चास नगर निगम क्षेत्र के स्लम […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2017 6:29 AM

कई सामाजिक संगठनों द्वारा चलाया जा रहा है जागरूकता अभियान

चास : हाेल्डिंग टैक्स में वृद्धि का विरोध चास की आम जनता की ओर से शुरू कर दिया गया है. कई सामाजिक संगठन भी जन आंदोलन खड़ा करने में लगे हैं. मंगलवार को ह्यूमन हेल्प सोसायटी की ओर से चास नगर निगम क्षेत्र के स्लम बहुल क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया गया. दूसरी ओर इंडियन पीपुल्स पार्टी की ओर से नुक्कड़ सभा कर आम जनता को गोलबंद करने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही माकपा व भाकपा माले चास नगर कमेटी भी इंडियन पीपुल्स पार्टी को समर्थन कर रही है.
आंदोलन का केंद्र बना हुआ है डीसी कार्यालय : झारखंड सरकार की घोषित नये होल्डिंग टैक्स का विरोध कई राजनीतिक दलों द्वारा राज्य स्तर पर किया जा रहा है. चास में फिलहाल होल्डिंग टैक्स के खिलाफ बोकारो डीसी कार्यालय आंदोलन का केंद्र बना हुआ है. राष्ट्रीय विकास समिति की ओर से 17 फरवरी को यहां राज्य सरकार का पुतला दहन किया गया. जेवीएम जिला कमेटी की ओर से 17 फरवरी को ही प्रदर्शन हुआ. 20 फरवरी को डीसी कार्यालय के समक्ष धरना भी दिया गया.
शहरी क्षेत्र में किसी प्रकार की सुविधाओं की बढ़ोतरी निगम द्वारा नहीं किया गया है. इसके बाद भी आम जनता पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ लादा गया है.
गुरुदास मोदक
किसी तरह की शहरी सुविधाएं नहीं मिल रही है. इसके बाद भी सरकार की ओर से टैक्स बढ़ा दिया गया है. यह जनहित में सही कदम नहीं है.
नैय्यर जमाल
चास में आज भी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. टैक्स बढ़ाने के पहले सुविधाओं को बहाल करना चाहिए था. निगम नयी दर को फिलहाल वापस ले.
अक्षय कुमार मिश्र
कहने को तो शहरी क्षेत्र में रहते हैं, लेकिन यहां ग्रामीण क्षेत्र की भी सुविधाएं नहीं मिल रही है. इसके बाद होल्डिंग टैक्स बढ़ाना सरासर गलत है.
इरशाद अख्तर
चास जिले का मुख्य व्यावसायिक केंद्र है. इसके बाद भी यहां के आम जनता व व्यवसायियों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है. समस्या के प्रति निगम गंभीर भी नहीं है.
दीपक पटवारी
चास में साफ-सफाई तो दूर की बात है. नियमित रूप से पेयजल की आपूर्ति भी नहीं हो पाती है. इसके बाद भी टैक्स का दर बढ़ाया गया है. यह दुखद है.
अरविंद कुमार कर्ण

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