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काम करेगा आश्वासन का डोज या होगा रेलवे का ऑपरेशन!

आशंका. नोटिस के बाद दहशत में हैं बोकारो थर्मल में रेलवे की जमीन पर रह रहे लोग, 28 फरवरी पर टिकीं निगाहें बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण व रेलवे लाइन दोहरीकरण के सिलसिले में रेलवे की जमीन पर रह रही हजारों की आबादी आशंका में जी रही है. धनबाद डीआरएम ने 28 फरवरी तक […]

आशंका. नोटिस के बाद दहशत में हैं बोकारो थर्मल में रेलवे की जमीन पर रह रहे लोग, 28 फरवरी पर टिकीं निगाहें

बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण व रेलवे लाइन दोहरीकरण के सिलसिले में रेलवे की जमीन पर रह रही हजारों की आबादी आशंका में जी रही है. धनबाद डीआरएम ने 28 फरवरी तक जमीन खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया है तो गिरिडीह सांसद ने आर-पार की लड़ाई का एलान कर दिया है. इस बीच बेरमो विधायक टकराव की बजाय बीच का रास्ता निकालने की पहल में लगे हैं. वैसे सांसद ने भी प्रशासनिक हस्तक्षेप की पहल की थी.
बेरमो : गोमो-बरकाकाना रेल खंड के मध्य स्थित बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण व दोहरीकरण को लेकर रेलवे लाइन के किनारे बसे लोगों को रेलवे द्वारा दिये गये हटने के नोटिस के बाद रह रहे लोगों में दहशत व्याप्त है. बोकारो थर्मल में रेलवे के विस्तारीकरण व दोहरीकरण से करीब दो हजार परिवार प्रभावित होंगे. इस दौरान रेलवे को सैकड़ों दुकानों व झोपड़ियां हटानी होंगी.
उजड़ेंगे 500-600 आशियाना : मिली जानकारी के अनुसार बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन से सटे सुभाष नगर से रेलवे लाल पुल तक करीब डेढ़ किमी तक रेलवे के किनारे 50-60 वर्षों से रह रहे करीब 400-500 परिवारों पर रेलवे की गाज गिर सकती है. लगभग दो हजार लोग प्रभावित होंगे. इनमें मुख्य रूप से बिरसा नगर, सुभाष नगर, रेलवे गेट, प्लांट गेट,
सिक्स यूनिट, राजा बाजार नीचे टोला तथा कैंप एरिया में मेहनत मजदूरी करनेवाले सैकड़ों घर, दुकान एवं झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. इन स्थानों में दिहाड़ी मजदूरों के अलावा दुकानदार, ठेकेदार, रिटायर्ड कर्मी, टेंट हाइस एवं होटल चलाने वाले लोग रहते हैं. रेलवे की जमीन पर बने बड़े प्रतिष्ठानों में गया होटल, टेन-टू-टेन ढ़ाबा, नैय्यर टेंट हाउस, अभय टेंट हाउस, जागृति टेंट हाउस, रेस्टोरेंट, कपड़े की दुकान आदि शामिल है़ं इसके अलावा रेलवे गेट, बी प्लांट गेट, सिक्स यूनिट पंच मंदिर के समीप बसे आधा दर्जन खटालों को भी टूट का सामना करना पड़ जायेगा़
पहले था 10 फरवरी तक का अल्टीमेटम : रेलवे ने पहले कब्जाधारियों को नोटिस जारी कर पहले 10 फरवरी तक जमीन खाली करने का आदेश दिया था. इसी दौरान गत सात फरवरी को धनबाद डीआरएम अखौरी मनोज कुमार बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन निरीक्षण के क्रम में पहुंचे. उनके साथ रेलवे के सीनियर डीओएम (प्लानिंग) राकेश रोशन, सीनियर डीइइ जी भारद्वाज, सीनियर डीएसटी अजीत कुमार तथा एसआरपी के सीनियर कमांडेंट शशिकांत शामिल थे. मौके पर डीआरएम ने 10 फरवरी तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया था, लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों के आग्रह के बाद उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए 28 फरवरी तक का मोहलत दिया है.
सांसद आये ढाल बन कर : इधर, गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय ने भी बोकारोे थर्मल में मीटिंग कर कहा है कि अगर रेलवे ने जबरन हटाने की कार्रवाई की तो रेलवे को पहले मेरे ऊपर कार्रवाई करनी होगी. उनका स्पष्ट कहना है कि बगैर वैकल्पिक व्यवस्था के हटाना कतई उचित नहीं है. कहा : जरूरत पड़ी तो वे इस मामले को लेकर रेल मंत्री से भी बात करेंगे. अब देखना है कि 28 फरवरी के बाद अतिक्रमणकारियों को सांसद का आश्वासन काम आयेगा या फिर रेलवे का अटैक शुरू होगा. इसके पूर्व उन्होंने डीसी, बेरमो एसडीएम व मंत्री अमर बाउरी से मामले में प्रशासनिक हस्तक्षेप की अपील की थी. उन्होंने लोगों को उजाड़ने से पहले पुनर्वास की मांग की थी.
जनप्रतिनिधि कर चुके हैं अपील : डीआरएम मनोज कुमार अखौरी के दौरे के क्रम में जिप सदस्य भरत यादव, भाकपा के ब्रजकिशोर सिंह, मो शाहजहां, जानकी महतो, मोतीलाल महतो, असीम तिवारी सहित कई लोगों ने मिलकर बोकारो थर्मल में रेलवे की जमीन पर घर बनाकर वर्षों से रह रहे लोगों को हटाने से होने वाली समस्याओं से अवगत कराया. डीआरएम का कहना है कि जारंगडीह से लेकर पतरातु तक हो रहे रेलवे के दोहरीकरण व बोकारो थर्मल रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण के लिए रेलवे के किनारे का अतिक्रमण हटाना जरूरी है. दोहरीकरण कार्य के लिए रेलवे को मैटेरियल गिराने एवं रखने के लिए जगह चाहिए.
बेरमो विधायक ने भी की पहल : इस बीच बेरमो विधायक रेलवे प्रबंधन से टकराव की बजाय प्रशासन से संवाद कायम कर बीच का रास्ता निकालने की पहल की. उन्होंने 14 फरवरी को बेरमो एसडीएम कुलदीप चौधरी से उनके कार्यालय में मिलकर रेलवे लाइन के किनारे रह रहे लोगों के अन्यत्र पुनर्वास की दिशा में ठोस पहल करने का आग्रह किया. कहा : रेलवे की इस कार्रवाई से बड़ी आबादी सड़क पर आ जायेगी. एसडीएम ने सकारात्मक पहल का भरोसा दिलाया. इधर, मियाद को नजदीक आता देख लोग धीरे-धीरे जगह भी खाली करने लगे हैं.
डीआरएम ने रेलवे की जमीन खाली करने की दी 28 फरवरी तक की मोहलत
सांसद का कहना है कि जबरन हटाने की कार्रवाई हुई तो पहले मेरे ऊपर करनी होगी कार्रवाई
बेरमो विधायक कर रहे बीच का रास्ता निकालने की पहल, सांसद ने भी की थी पहल
डूबेगी योजनाओं पर खर्च की गयी राशि
बोकारो थर्मल गोबिंदपुर डी एवं एफ पंचायत में बसे उपरोक्त स्थानों के लोगों पर विकास के नाम पर खर्च किये गये लाखों रुपये डूब जायेंगे़ उपरोक्त स्थानों पर सरकार की योजनाओं से लगभग सौ शौचालय, दर्जनों चापाकल, पीसीसी रोड, सामुदायिक भवन सहित अन्य कार्य किये गये हैं. ये सब तोड़ दिये जायेंगे़ योजनाओं पर काम करने से पूर्व एक बार भी रेलवे से एनओसी नहीं लिया गया. इस संबंध में बेरमो बीडीओ अखिलेश कुमार का कहना है कि जब उपरोक्त स्थानों पर बसे लोगों के घरों को ही टूट का सामना करना पड़ेगा तो शौचालय एवं सड़क कैसे बच सकते है़ं
रेलवे पहले भी कर चुका है कार्रवाई
कुछ वर्ष पूर्व गोमो-बरकाराना रेलखंड के फुसरो व बेरमो रेलवे स्टेशन के मध्य फुसरो रेलवे फाटक को रेलवे द्वारा बंद किये जाने की घोषणा के बाद यहां के जनप्रतिनिधियों ने इसे मुद्दा बनाया था. उस वक्त सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, बेरमो विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह एवं डुमरी विधायक जगरनाथ महतो संयुक्त रूप से फुसरो रेलवे फाटक (सब्जी मार्केट के निकट) धरना पर बैठे थे. जनप्रतिनिधियों ने घोषणा की थी चूंकि इस रेलवे फाटक से होकर बोर्डर रोड गुजरता है, इसलिए इसे किसी कीमत पर बंद नहीं होने दिया जाये. रेलवे ने स्पष्ट कहा था : चूंकि कोंकण रेलवे द्वारा फुसरो में ओवरब्रीज का निर्माण करा दिया गया है. इसलिए फुसरो रेलवे फाटक को अब खोलकर रखने का कोई औचित्य नहीं है. इसके बाद रेलवे ने हमेशा के लिए इस रेलवे फाटक को बंद कर दिया. अब चूंकि रेलवे दोहरीकरण व विस्तारीकरण का काम जारी है, ऐसे में 28 फरवरी के बाद रेलवे अतिक्रमण को ले क्या कार्रवाई करता है, इसपर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं.

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