गामीण प्रभाष कुमार गंझु द्वारा मामले को उजागर करने के बाद विभाग ने काम रोक दिया है. एक एकड़ पांच डिसमिल जमीन पर मनरेगा के तहत लगभग तीन लाख की लागत से 100 गुणा 100 का तालाब बनाया जाना है. इसपर 30 से अधिक कीमती पेड़ थे. यह जमीन भी 1970 में वंचास निवासी स्व बिशुन गंझु के नाम कर भूदान में मिली है़ बिशुन के वंशज प्रभाष कुमार गंझु सरकार को राजस्व भी जमा करते आ रहे हैं.
जमीन पर तालाब निर्माण की जानकारी मिलते ही उन्होंने बीडीओ को तीन-तीन बार अर्जी देकर काम रोकने की गुहार लगायी़ काम तो रुक गया, लेकिन उन्हें न्याय नहीं मिला. इस संदर्भ में बीडीओ रिंकू कुमारी का कहना है कि मामला पुराना है़ जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी.