17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

विवि में नहीं जमा होगा ओरिजनल सर्टिफिकेट

बोकारो: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए दाखिले के समय सर्टिफिकेट की जांच, फीस का भुगतान और रिफंड्स पर नए नियमों की घोषणा की है. छात्रों के हित की रक्षा के लिए इस नये नियम के अनुसार अब किसी भी छात्र-छात्रा को एडमिशन फॉर्म के साथ ओरिजनल प्रमाणपत्र, मार्कशीट्स, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेटस […]

बोकारो: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शैक्षणिक संस्थानों के लिए दाखिले के समय सर्टिफिकेट की जांच, फीस का भुगतान और रिफंड्स पर नए नियमों की घोषणा की है. छात्रों के हित की रक्षा के लिए इस नये नियम के अनुसार अब किसी भी छात्र-छात्रा को एडमिशन फॉर्म के साथ ओरिजनल प्रमाणपत्र, मार्कशीट्स, स्कूल लिविंग सर्टिफिकेटस (सीएलसी) या अन्य दस्तावेजों की असल कॉपी जमा नहीं करनी होगी.

उच्च शिक्षा संस्थान इन दस्तावेजों की असल कॉपी जमा करने के लिए छात्र पर जोर नहीं दे सकते हैं. नये नियम के अनुसार संस्थान दाखिले के समय असल कॉपी को देखकर वेरिफिकेशन कर सकते हैं और उसे छात्रों को लौटाना होगा. संस्थान चाहें तो उन दस्तावेजों की प्रमाणित फोटो कॉपी रख सकते हैं.

शैक्षिक गतिविधियों में भाग लेने पर ही फीस

यूजीसी ने यह स्पष्ट किया है कि छात्रों के लिए स्टडी प्रोग्राम के दौरान कभी भी संस्थान के प्रॉसपेक्टस को खरीदना जरूरी नहीं होगा. इसके अलावा संस्थान उस सेमेस्टर या साल के लिए ही छात्रों से एडवांस में फीस ले सकते हैं, जिस दौरान छात्र-छात्रा वहां शैक्षिक गतिविधि में शामिल होगा. यानी विद्यार्थियों से पूरे प्रोग्राम के लिए एडवांस फीस नहीं वसूली जा सकती है. अगर छात्र प्रोग्राम को जारी नहीं रखना चाहता और अपना नाम कटवाना चाहता है तो इंस्टिच्यूट को छात्र द्वारा भुगतान की गयी फीस के रिफंड के लिए 4-टायर सिस्टम का पालन करना होगा. अगर औपचारिक रूप से उल्लिखित दाखिले की तिथि से 15 दिनों पहले विथ ड्रॉ नोटिस दिया जाता है, तो जमा की गयी फीस में से संस्थान 10 फीसदी से ज्यादा नहीं काट सकते हैं. बाकी रकम छात्र को लौटानी होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें