-अवैध बहाली के खिलाफ कार्रवाई शुरू
बोकारोः सीबीआइ दबिश के बाद बीएसएल अवैध बहाली के खिलाफ हरकत में आया है. सेल प्रबंधन के निर्देश पर बीएसएल ने कार्रवाई शुरू कर दी है. सभी ऐसे लोगों को जिन्हें बीएसएल की जांच रिपोर्ट में दोषी पाया गया, उन्हें सेवा मुक्त करने की कवायद शुरू की गयी है. बीएसएल ने शनिवार को जांच के दायरे में आये चार अधिकारियों को सेवा मुक्त करने की नोटिस दी है. सेल सूत्रों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से यह कार्रवाई प्रबंधन कर रहा है. पर इसका खुलासा प्रबंधन ने नहीं किया. न ही कोई आधिकारिक पुष्टि है.
ऐसे हुई फर्जी नियुक्ति : 2007-08 में दो चरणों में हुई बहाली में मिडिल व जूनियर मैनेजमेंट लेवल के एडिशनल को-ऑर्डिनेटर, जूनियर मैनेजर व डिप्टी मैनेजर के पदों के लिए बहाली निकाली गयी थी. इसके चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाया गया है. किसी फॉर्म पर कैंडिडेट के साइन नहीं है तो किसी का फॉर्म तय तिथि के बाद रिसिव हुआ है. इसके अलावा और कई गड़बड़ियां पकड़ी गयी है.
36 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी : सेल प्रबंधन सीबीआइ की जांच रिपोर्ट से पहले कार्रवाई को अंजाम दे रहा है. बताते चलें कि 28 जनवरी 2014 को पूरे देश में करीब 36 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी अभियान चलाया था. इसमें बोकारो, भोपाल, दिल्ली, रांची सहित कई शहर शामिल थे.
प्रभात खबर में छपी थी रिपोर्ट : बीएसएल में गलत तरीके से नियुक्ति की खबर प्रभात खबर में प्राथमिकता से छपी थी. छपी रिपोर्ट के आधार पर दीवान इंद्रनील सिन्हा ने शपथ पत्र के साथ सीबीआइ से जांच करने का अनुरोध किया था. इसके बाद सीबीआइ ने अपने स्तर से जांच पूरी करने के बाद छापेमारी अभियान चलाया था.
51 नियुक्तियों की शिकायत : बतातें चलें कुल 51 नियुक्तियों के विरोध में सीबीआइ के पास शिकायत की गयी थी. जिनका नाम और इम्प्लाई आइडी संख्या के साथ अखबार में प्रकाशन किया गया था. इन नामों में कई नेता, सेल के उच्च अधिकारी और राज्यपाल स्तर तक के पैरवी का उल्लेख है.
दो चरणों में 13 को नौकरी : बोकारो स्टील प्लांट में वर्ष 2007-08 में दो चरणों में 13 लोगों (क्रमश: आठ व चार) को नौकरी दी गयी थी. इस बहाली में गड़बड़ी व अनियमितता की शिकायत धनबाद सीबीआइ को मिली. इसमें गलत तरीका अपना कर षड्यंत्र से पैरवी, पहुंच व पैसे के बल पर लोगों को नियुक्त किया गया. अभ्यर्थियों के बिना हस्ताक्षर के आवेदन स्वीकार कर लिये गये.
चेन्नई व मुंबई के लिए चार रिक्तियां : धनबाद सीबीआइ कोर्ट में दर्ज एफआइआर में बताया गया है कि वर्ष 2008 में बोकारो स्टील प्लांट के चेन्नई व मुंबई ऑफिस के लिए चार रिक्तियां पैदा की गयी. बहाली के लिए मुंबई के एक अखबार में विज्ञापन निकला. साधारण डाक के माध्यम से आवेदन लेने की बात कही गयी. आवेदन के लिए मात्र आठ दिनों का समय दिया गया.
लाइजनिंग के लिए नौ पोस्ट की बहाली : बेतिया में प्लांट खोलने के लिए दिल्ली व आस-पास लाइजनिंग करने के लिए नौ पोस्ट की बहाली निकाली गयी. स्थानीय नियोजन कार्यालय व अखबार में इश्तेहार देने की फाइल आगे बढ़ी. दिल्ली नियोजन कार्यालय में इसकी सूचना दी गयी. दिल्ली के हीं एक अखबार के ‘वर्गीकृत कॉलम’ में छोटा-सा विज्ञापन छापा गया. इसमें कहीं पर बीएसएल या सेल का जिक्र नहीं था.
रसूखदारों को मिली नौकरी : गलत तरीके से नौकरी पाने वालों में झारखंड के पूर्व राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी के बेटे सैयद मो रजी, पूर्व केंद्रीय श्रम मंत्री सत्यनारायण जाटिया के पुत्र राजकुमार जाटिया, हाइकोर्ट के रिटायर जस्टिस डीजीआर पटनायक के बेटे व बीएसएल के रिटायर एमडी बीके सिंह के बेटे का नाम शामिल है.
सीबीआइ ने दर्ज किया मामला : सीबीआइ ने आरसी 1 ए/2014 व आरसी 2 ए/2014 में धारा 120बी आर/डब्ल्यू 420, 468, 471 भादवि सेक्शन 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) (डी), पीसी एक्ट 1988 के तहत केस दर्ज किया. पहले मामले में रिटायर्ड इडी जीवेश मिश्र समेत सात व दूसरे मामले में बीएसएल के रिटायर एमडी बीके श्रीवास्तव समेत 14 कार्यरत या रिटायर को नामजद किया गया.