Advertisement
बजड़ी खिला बहनों ने भाई को दिया बज्जर होने का आशीष
बोकारो: राम भैया के लाली घोड़िया…, ओह पार गोधन हो भैया…, गोधन भैया चलले अहेरिया… आदि पारंपरिक गीतों के साथ बहनों ने मंगलवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ भैया दूज पर्व मनाया. भाइयों को बजड़ी खिला कर बज्जर होने का आशीष दिया. भाइयों ने बहनों को उपहार व नगद राशि दी. भाइयों की मंगल […]
बोकारो: राम भैया के लाली घोड़िया…, ओह पार गोधन हो भैया…, गोधन भैया चलले अहेरिया… आदि पारंपरिक गीतों के साथ बहनों ने मंगलवार को श्रद्धा और उल्लास के साथ भैया दूज पर्व मनाया. भाइयों को बजड़ी खिला कर बज्जर होने का आशीष दिया. भाइयों ने बहनों को उपहार व नगद राशि दी. भाइयों की मंगल कामना व दीर्घायु होने की कामना के लिए बहनें भैया दूज मनाती हैं. सुबह-सुबह बहनें एक स्थान पर जमा हुईं. गोबर से गोवर्द्धन सहित तरह-तरह की आकृति बनायी. सिंदूर से सभी आकृतियों को टीका, मिठाई, चना, फूल, अक्षत से विधिवत पूजा-अर्चना की. रेंगनी के कांटे को जीभ में गड़ा कर भाई सहित अन्य रिश्तेदारों को श्राप दिया.
पारंपरिक गीत गाते हुए गोधन कूटा : बहनों ने पारंपरिक गीत गाते हुए गोधन कूटा. बहनों के गोधन के गीत से आसपास का माहौल गूंज उठा. बहनों ने शिव-पार्वती व यमदेव की पूजा की. पूजा के बाद बहनों ने जल से भाई सहित अन्य रिश्तेदार को दिया हुआ श्राप वापस लिया. भाई को तिलक लगाया. चना व मिठाई खिला कर उनकी लंबी आयु की कामना की. उसके बाद भाई को भोजन कराया.
भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक : रक्षा बंधन के बाद भैया दूज भाई-बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक है. इसमें बहनें गोधन कूटने तक व्रत में रहती हैं. गोधन कूटने के बाद पहले भाई को चना व गुड़ खिलाती है. उसके बाद स्वयं भोजन कर व्रत तोड़ती है. चास-बोकारो सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्रद्धा व विश्वास के साथ भाई-दूज का पर्व मनाया गया.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement