कसमार: चास प्रखंड के भवानीडीह, फुदनीडीह व नावाडीह में रैयती बता कर सहारा इंडिया को बेची गयी जमीन के मामले में बोकारो डीएफओ पीआर नायडू का दावा सही निकला़ डीसी राय महिमापत रे द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम के सर्वे और जांच में यह सामने आया है कि संबंधित जमीन वनभूमि की है.
कतिपय लोगों ने केवल उसे गलत तरीके से सहारा इंडिया को बेच दी थी, बल्कि अधिकारियों व राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से म्यूटेशन भी करा लिया गया था.
जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद डीएफओ द्वारा सभी संबंधित जमीन का म्यूटेशन रद्द करने के लिए बोकारो एसी समेत अन्य अधिकारियों को पत्र लिखा जा रहा है़ डीएफओ के अनुसार सर्वे के दौरान यह भी सामने आयी कि संबंधित वनभूमि को न केवल सहारा इंडिया को गलत तरीके से बेची गयी, उस पर कतिपय लोगों ने अतिक्रमण भी कर लिया है़ वनभूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने की कार्रवाई भी की जायेगी़.
क्या है मामला
निवेशकों का पैसा लौटाने के लिए सहारा इंडिया की कुछ परिसंपत्तियां बेची जानी है़ उसमें झारखंड की परिसंपत्ति में चास प्रखंड के भवानीडीह, फुदनीडीह व नावाडीह स्थित लगभग 50 एकड़ जमीन का उल्लेख है़ नीलामी की प्रक्रिया पूरी भी हो गयी़ इस दौरान बोकारो डीएफओ पीआर नायडू ने अपनी जांच में पाया कि जिस जमीन की नीलामी होनी है, वह वनभूमि है़ इसे कतिपय लोगों ने गलत तरीके से रैयती बताकर सहारा इंडिया को बेच दी़ प्रभात खबर ने 25 जुलाई 2016 के अंक में इस प्रमुखता से प्रकाशित किया़ इसके बाद मामला उजागर हुआ और डीसी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की़