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आर्थिक बोझ देना ज्योतिष का तरीका नहीं : पूनम श्री

आडंबर से दूर मनोवैज्ञानिक तरीके से समस्या दूर करने की कोशिश बोकारो : जन्मतिथि, जन्म स्थान व जन्म का समय ये तीन तथ्य हैं, जिस आधार पर कोई अॉस्ट्रोलॉजर किसी की कुंडली बना कर फलादेश बताता है. इन तीनों सवालों का जवाब नहीं होने पर कुंडली हासिल करने में परेशानी होती है, लेकिन बोकारो की […]

आडंबर से दूर मनोवैज्ञानिक तरीके से समस्या दूर करने की कोशिश

बोकारो : जन्मतिथि, जन्म स्थान व जन्म का समय ये तीन तथ्य हैं, जिस आधार पर कोई अॉस्ट्रोलॉजर किसी की कुंडली बना कर फलादेश बताता है. इन तीनों सवालों का जवाब नहीं होने पर कुंडली हासिल करने में परेशानी होती है, लेकिन बोकारो की अस्ट्रोलॉजर पूनम श्री इन तीन सवाल से हटकर 10 सवाल से लोगों की कुंडली बनाती हैं. एलआइसी कॉलोनी, सेक्टर 05 में रहने वाली पूनम श्री आडंबर से दूर मनोवैज्ञानिक तरीका से जातकों की समस्या दूर करने की कोशिश करती हैं. पूनम श्री अंक शास्त्र, वास्तु दोष, ज्योतिष व कुंडली की गंभीर जानकार हैं.
बचपन से था शौक
पूनम बताती हैं : बचपन से हाथ की लकीर देखने का शौक था. पिता ने पहले पढ़ाई पूरी करने की नसीहत दी. मनोविज्ञान व फाइन आर्ट्स में स्नातक, बीएड व एनपीटीटी ट्रेनिंग के बाद शिक्षक के रूप में काम किया. विषय की बारीकियों को विद्यार्थी को बताने लगी, लेकिन हाथ की लकीर पहले की तरह ही खीचती रही. बताती हैं : शुरू में मित्रों, परिजनों व सहयोगियों का हाथ देखती थी.
आडंबर की जगह नहीं
पूनम श्री ने बताया : ज्योतिष का क्षेत्र देश में व्यापक है. शायद ही कोई ज्योतिष के बिना आगे बढ़ने का प्रयास करता है. ज्योतिष का नाम आते ही आडंबर भी साथ आता है. कब जन्म लिये, समय क्या था, जगह कौन सी थी, ऐसे सवाल पूछे जाते हैं. जिनके पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं हैं या जिनके पास जन्म कुंडली नहीं हैं, उनके लिए ऐसे सवाल सिर दर्द बन जाते हैं. प्रश्नावली कुंडली के जरिये आम जीवन का सवाल पूछ कर समस्या का हल निकाला जाता है. इसमें किसी तरह के आडंबर को जगह नहीं मिलती है.
परिवार का सहयोग
पूनम श्री बताती हैं :1999 में विवाह हो गया, लेकिन ज्योतिष का शौक सिर पर सवार था. इसी उद्देश्य से ज्योतिष क्षेत्र में महारथ पाने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वैदिक साइंस में नामांकन ली. लगातार पांच साल वैदिक अस्ट्रोलॉजर की पढ़ाई के दौरान ही ‘वैवाहिक जीवन व मंगल दोष’ नामक किताब लिखी. एलआइसी में डीओ पति मधु श्रीवास्तव का भी भरपूर सहयोग मिला. पूनम श्री अब तक 1000 से अधिक जातकों की कुंडली देखी है. भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, कुवैत, साउथ अफ्रीका, दुबई जैसे देश के लोग भी पूनम श्री के संपर्क में हैं.
सोशल मीडिया का उपयोग
पूनम श्री बताती हैं : समस्या निदान के लिए भौतिक रूप से मौजूद रहना जरूरी नहीं है. सोशल मीडिया से भी संपर्क बनाया जाता है. बताती हैं : समस्या से परेशान लोगों पर आर्थिक बोझ देना इलाज का तरीका नहीं हो सकता है. कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि लोग बिना परेशान हुए ही निजात पा लें. अब तो टीवी चैनलों का भी बुलावा आ रहा है.
इंटरनेट युग में भी ज्योतिषी है दमदार
प्रासंगिक है प्रश्न कुंडली : वर्तमान समय में गुगल, याहू समेत कई सर्च इंजन मौजूद हैं. इनमें हर सवाल का जवाब होता है. ज्योतिषी से संबंधित हर सवाल का जवाब इनमें आसानी से मिल जाता है. राशिफल से लेकर भाग्य भी सर्च इंजन पर परोसा जाता है. बावजूद इसके भाग्य जानने व किस्मत बनाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से ज्योतिषी का सहारा लेना ही प्रासंगिक माना जाता है. प्रत्यक्ष बात करने से सभी आशंका दूर हो जाती है. ज्योतिष भी जातक से सवाल पूछते हैं, इससे समाधान निश्चित हो जाता है.
प्रोफाइल
नाम : ज्योतिष पूनम श्री
क्लास 10 : 1986, गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, दिल्ली
12वीं : 1988, गर्ल्स सीनियर सेकेंड्री स्कूल, दिल्ली
स्नातक : गार्गी कॉलेज, दिल्ली. मनोविज्ञान – 1988-91

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