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भाई ने मुझे चाय बनाने को भेजा और हो गयी हत्या

सच्चिदानंद ने प्राथमिकी में सर्वानंद व शंभु पर लगाया हत्या का आरोप ”मैं रेलवे ठेकेदार चंद्रशेखर तिवारी उर्फ लवली तिवारी का ममेरा भाई हूं. उनके ठेका संबंधी कार्य को देखता हूं. शनिवार को लगभग सवा दो बजे मेरे भाई रेलवे कॉलोनी बालीडीह स्थित कार्यालय स्कॉर्पियो वाहन से आये. कमरे में बैठ कर हम दोनों भाई […]

सच्चिदानंद ने प्राथमिकी में सर्वानंद व शंभु पर लगाया हत्या का आरोप

”मैं रेलवे ठेकेदार चंद्रशेखर तिवारी उर्फ लवली तिवारी का ममेरा भाई हूं. उनके ठेका संबंधी कार्य को देखता हूं. शनिवार को लगभग सवा दो बजे मेरे भाई रेलवे कॉलोनी बालीडीह स्थित कार्यालय स्कॉर्पियो वाहन से आये. कमरे में बैठ कर हम दोनों भाई लेबर के पेमेंट का हिसाब किताब करने लगे. 15 मिनट बाद मेरे भाई के परिचित ठेकेदार सर्वानंद पांडेय उर्फ धोती पांडेय भी वहां आये और बैठ गये. इसी बीच भाई ने मुझे चाय बनाने को भेजा.
इसके बाद एक और परिचित ठेकेदार शंभु पांडेय आ गये. लगभग पौने तीन बजे गेट पर एक काले रंग की बाइक रूकी. उस पर तीन युवक सवार थे. उसकी उम्र लगभग 20 से 25 के आसपास होगी. दो युवक कार्यालय के अंदर गये और अचानक गोली की आवाज सुनाई पड़ने लगी, जब तक मैं कार्यालय के गेट की ओर भागा. दोनों युवक कार्यालय से निकल कर पहले से स्टार्ट बाइक पर बैठ कर भाग निकले. दरवाजे पर पहुंचने पर अंदर से बंद मिला. काफी खटखटाने व हो हल्ला करने पर आठ से 10 मिनट बाद दरवाजा खुला. मैं भाइ को अस्पताल ले जाने के लिए उठाया, तो पता चला उनकी मौत हो चुकी है.”
बोकारो : यह मजमून रेलवे ठेकेदार चंद्रशेखर तिवारी उर्फ लवली तिवारी की हत्या मामले में दर्ज प्राथमिकी का है. प्राथमिकी ठेकेदार के ममेरे भाई सच्चिदानंद ने दर्ज करायी है. इसमें सर्वानंद व शंभु पर हत्या का आरोप लगाया है. शनिवार को बालीडीह थाना क्षेत्र के रेलवे कॉलोनी में रेल ठेकेदार लवली तिवारी उर्फ चंद्रशेखर तिवारी की हत्या दिन दहाड़े हो गयी थी. एफआइआर के आधार पर दोनों संदिग्ध चश्मदीद को रेल पुलिस ने शनिवार को ही मौके से पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया था.
दोनों ठेकेदारों का संबंध अपराधियों से : सच्चिदानंद ने कहा सर्वानंद पांडेय व शंभु पांडेय का संबंध अपराधियों से है. कुछ दिनों से मेरे भाई से रेलवे के तीन-चार बड़े ठेकेदार मिल रहे थे. मेरे भाई की बढ़ रही लोकप्रियता व मिलने वाले ठेका से दोनों ठेकेदार प्रभावित थे. भाई लवली अक्सर बोला करते थे.
शर्वानंद पांडेय कभी न कभी घात करेगा. वही हुआ. कार्यालय में भाई को गोली लगने के 10 मिनट तक दरवाजा बंद रखा गया. मौत होने पर दरवाजा खुला. शर्वानंद पांडेय व शंभु पांडेय ने मेरे भाई की हत्या करायी है.

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