इचाक : बोकारो जिला के नावाडीह थाना में पदस्थापित दारोगा रामचंद्र राम के निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर सोमवार को उनके पैतृक गांव खुटरा लाया गया. शव के पहुंचते ही अंतिम दर्शन के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी. गमगीन माहौल में रोहनिया मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार हुआ. मुखाग्नि बड़े पुत्र अरुण कुमार ने दी. इससे पूर्व जिला बल के जवानों ने शहीद दारोगा के शव को अंतिम सलामी दी.
अंतिम संस्कार में एडिशनल एसपी कुलदीप कुमार, झारखंड पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक सिंह, महामंत्री बसंत कुमार, मेजर पांडे अजय कुमार, इचाक थाना प्रभारी राजीव कुमार सिंह, जदयू प्रदेश महासचिव बटेश्वर प्रसाद मेहता, अजरुन मेहता, रविदास महासभा के अध्यक्ष बालेश्वर राम, राजेंद्र कुमार रवि, बीस सूत्री अध्यक्ष गौतम नारायण सिंह, झामुमो नेता मनोहर राम, ओमप्रकाश मेहता, राजद प्रखंड अध्यक्ष शत्रुध्न राम, तपेश्वर प्रसाद, मुखिया बसंत मेहता, अनिता भारती, सेवा राम, गंदौरी राम, नरेश रजक, कृष्णा सिंह, सुनील तलवार, मेघनाथ कुशवाहा, टेकनारायण कुशवाहा, दीपक गिरी के अलावा बड़ी संख्या में लोग शामिल थे.
दो भाइयों में बड़े थे रामचंद्र : दो भाइयों में बड़े थे रामचंद्र राम. छोटे भाई कृष्णा किसान हैं. नौकरी से पूर्व ही उनके पिता स्व चेतलाल राम की मृत्यु हो चुकी थी. गरीबी में पल- बढ़ कर उन्होंने दारोगा की नौकरी पायी थी. रामचंद्र राम के तीन पुत्र हैं. बड़ा पुत्र अरुण बेंगलुरु में बी-टेक कर रहा है. दूसरा पुत्र वरुण धनबाद में बीबीए फाइनल इयर में है. छोटा पुत्र तरुण बीकॉम कर रहा है.
1994 बैंच के दारोगा थे : रामचंद्र राम 1994 बैंच के दारोगा थे. पहली नियुक्ति पटना जिला के मसाैढ़ी थाना में हुई थी. झारखंड कैडर बंटवारे के बाद बोकारो जिला के चंदनक्यारी में योगदान दिया. इसके बाद जमशेदपुर में जीआरपी में कार्यरत रहे.
कैसे गयी जान : स्थानीय नीति के विरोध में झामुमो व वामदलाें द्वारा आहूत झारखंड बंद की पूर्व संध्या पर 13 मई को मशाल जुलूस निकाला गया था. नावाडीह के थानेदार रामचंद्र राम ड्यूटी पर थे. मशाल जुलूस में टायर जलने से निकले धुएं के कारण रामचंद्र राम की तबीयत बिगड़ गयी थी. इलाज के क्रम में 15 मई को बाेकारे के अस्पताल में उन्हाेंने दम ताेड़ दिया. घटना के सिलसिले में नावाडीह थाना में विधायक जगरनाथ महतो व उनके समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. विधायक फिलहाल जेल में हैं.