बोकारोः मौज मस्ती और खुशियां मनाने की पंजाबी संस्कृति की झलक लोहड़ी पर्व 13 जनवरी को मनायी जायेगी. लोहड़ी की पूर्व संध्या पर रविवार को नया मोड़ स्थित वेस्टर्न फार्म (भसिन पेट्रोल पंप के निकट) में चास-बोकारो का पंजाबी समाज जुटा. लकड़ी का अलाव जलाया. उसकी परिक्रमा की. आग में तील, मुंगफली, मकई का लावा आदि डाला. उसके बाद पुरुषों ने भांगड़ा तो महिलाओं ने गिद्धा प्रस्तुत किया.
भांगड़ा व गिद्धा पर उपस्थित लोग देर रात तक झूमते रहे. कार्यक्रम के दौरान युवक -युवतियों का उत्साह देखते हीं बन रहा था. पंजाब में गेहूं की फसल अक्तूबर में बोई जाती है और मार्च में काटी जाती है. लोहड़ी पर्व तक यह पता चल जाता है कि फसल कैसी होगी. इसलिए लोहड़ी के समय लोग उत्साह से भरे रहते है. लोहडी के दिन सरसों का साग, मक्की की रोटी व गन्ने के रस और चावल से बनी खीर बनाई जाती है. इस दिन लोग खूब भांगड़ा करते हैं. शाम होते ही सूखी लकड़ियां जलाकर नाचते-गाते है. यह सिलसिला देर रात तक चलता है. ढोल की थाप पर थिरकते लोग रेवडी, मूंगफली का स्वाद लेते हुए नाचते गाते हैं.