आस-पास के लोगों ने बताया कि जयकिशन घटना से पहले सुबह 7:30 बजे अपनी नैनो कार (जेएच 10 एडी1889) लेकर निकला. दो घंटे बाद 9:30 बजे लौटा तो उसकी कार का पीछे का शीशा टूटा हुआ था. कार से उतर वह दौड़ता हुआ अपने घर की सीढ़ियों पर चढ़ते हुए अपने कमरे में दाखिल हुआ और मेन दरवाजा लगा लिया. लोगों ने जब धुआं निकलने पर उसके घर का दरवाजा तोड़ा तो बिस्तर में आग लगी थी और वह खुद बाथरुम में बंद था. बाथरूम में नल चल रहा था.
दो दिन पूर्व भी मृतक ने अपने भाई प्रणव चौधरी (28) के कमरे में आग लगा दी थी जिसको सही समय पर क्लिनिक के कर्मचारियों ने देख लिया और आग बुझा दी. प्रणव भी दोनों पैरों से विकलांग है और चल फिर नही सकता. मां गायत्री चौधरी की 10 वर्ष पूर्व किसी बीमारी से मौत हो गयी थी. घटना के वक्त पिता आसनसोल में थे. मृतक की शादी सासाराम के पूनम देवी से हुई थी. एक पांच वर्ष का पुत्र कृष है. पत्नी दो दिन पूर्व अपनी मौसी के घर दुगदा चली गयी थी. पुलिस ने पोस्टमार्टम करा कर शव परिजन को सौंप दिया. मुहल्ले के मनोरंजन कुमार व विकास कुमार ने पुलिस को बताया कि आग जयकिशन ने खुद लगायी है. पुलिस ने भी घर का दरवाजा बंद पाया. घटनास्थल पर धनबाद थाना के सअनि श्रीकांत शर्मा सूचना पाकर जांच को पहुंचे थे.