बोकारो: केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड-नयी दिल्ली की ओर से भारत सरकार द्वारा संचालित वाइएमसीए-बोकारो फैमिली काउंसेलिंग सेंटर पारिवारिक कलह को प्यार और आपसी समझौता से सुलझा रहा है. टूटे दिलों को जोड़ रहा है. परिवार को बिखरने से बचाने में सराहनीय योगदान दे रहा है. वर्ष 2013 में सेंटर में कुल 231 मामले दर्ज किये गये. इनमें से 186 मामले की सुनवाई की गयी. इसमें 1336 व्यक्तियों की काउंसिलिंग की गयी. सेंटर की शुरुआत मार्च 2002 में सेक्टर 4 में हुई थी.
ऐसे दर्ज होता है मामला : सेंटर पहुंचे फरियादी से पहले आवेदन लिया जाता है. केस स्टडी की जाता है. दोनों पक्षों को बुला कर विशेषज्ञों की उपस्थिति में आमने-सामने सुनवाई की जाती है.
काउंसेलिंग सेंटर के सदस्य : अध्यक्ष विजश्री सीएच मधई, महासचिव नीरज कुमार, सदस्य डॉ. नर्गिस पॉल, महिला थाना प्रभारी पुष्पलता, काउंसेलर डॉ उदय कुमार व एलिन बीना लकड़ा, अधिवक्ता आरेंद्र कुमार.
तरह-तरह का मामला : पति-पत्नी विवाद, माता-पिता हस्तक्षेप, व्यैक्तिक भिन्नता, मद्यपान व नशा, आर्थिक तंगी, लैंगिक विषमता, दहेज लेन-देन, शारीरिक संबंध, मारपीट व झगड़ा, प्रेम कहानी.
पड़ोसी राज्य से भी आते हैं फरियादी : बोकारो, चास, चंदनकियारी, नावाडीह, पेटरवार, चंद्रपुरा, सियालजोरी, पिंड्राजोरा, रांची, धनबाद, पुरूलिया, जयनगर, हजारीबाग, रामगढ़, सिवान, आरा सहित दूर-दराज से.
सुबह 10 से 5 बजे तक कार्यालय : सेंटर का कार्यालय सेक्टर 4सी/2117 में है. सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे के बीच खुला रहता है. काउंसेलर डॉ उदय कुमार व एलिन बीना लकड़ा यहां मामले की सुनवाई करते हैं.
विशेषज्ञों की ली जाती है मदद : विवादों के निबटारा के लिए विशेषज्ञों की मदद भी ली जाती है. इनमें चिकित्सक, समाजसेवी, मनोचिकित्सक, पुलिस पदाधिकारी शामिल होते हैं. निपटारा आपसी सहमति से होता है.
माह केस काउंसिलिंग
जनवरी 17 154
फरवरी 11 113
मार्च 18 75
अप्रैल 15 75
मई 17 139
जून 21 180
जुलाई 40 183
अगस्त 23 100
सितंबर 15 86
अक्तूबर 21 108
नवंबर 16 76
दिसंबर 17 47