बोकारो: हौसले बुलंद हों तो विकलांगता भी विकास में बाधक नहीं बन सकती. किसी भी नि:शक्त व्यक्ति पर दया करने से पूर्व उसके हौसले व विश्वास को बुलंद करना चाहिए. इससे नि:शक्त व्यक्ति का न केवल भविष्य संवरेगा, बल्कि उसमें आत्म विश्वास भी प्रबल होगा. यह संदेश है बर्डस के संयुक्त सचिव शिव प्रकाश का. श्री प्रकाश एक पूर्व सैनिक हैं. दुर्गापुर में नौ मार्च 2003 को एक सड़क दुर्घटना में स्पाइनल कॉर्ड में चोट लगने की वजह से इनके पैर नि:शक्त हैं. उनकी हिम्मत नहीं टूटी. खुद को संभाला ही नहीं, बल्कि समाज में रहनेवाले लाचार, विवश व असहाय व्यक्तियों को हिम्मत व हौसला देने का फैसला लिया.
शहर का जाना-पहचाना नाम है शिव प्रकाश : शहर के लिए शिव प्रकाश एक जाने-पहचाने नाम हैं. शिव प्रकाश कहते हैं कि नि:शक्त व्यक्ति को कभी भी फैसला लेने में हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. खेल, शिक्षा, चिकित्सा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी इनका योगदान होता है.
हर वक्त मिलता है इनका साथ : आज मेरे पास मेरे विनय कुमार, अश्विनी कुमार सहाय, राजेश कुमार, महेश प्रसाद, विजय शंकर, विजय, सुमंत, आलोक जैसे दोस्तों की एक टीम है. वे हर वक्त समाज सेवा की मेरी भावना को साकार रूप देते हैं. श्री प्रकाश वर्तमान में आशा लता विकलांग विकास सहयोग समिति से जुड़ कर मूक-बधिर बच्चों के लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावे फैमिली काउंसेलिंग सेंटर से जुड़ कर बतौर काउंसेलर पारिवारिक विवादों को निबटाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं.-