बोकारो: पुस्तक ही आपकी पहचान है. जिस दिन आप पुस्तक से दूर हो जायेंगे. समझ लीजिए आज समाज से कट गये. पुस्तक जीवन जीने की कला बताती है. आपके जीवन में उतार-चढ़ाव, चाल-ढाल व आगे बढ़ने के लिए शब्दों का ज्ञान चाहिए. यह सब एक पुस्तक मेला से ही संभव है. पुस्तक मेला वास्तव में पुस्तकों का महाकुंभ होता है.
यह सब सेक्टर चार स्थित मजदूर मैदान में चल रहे 11 दिवसीय झारखंड पुस्तक मेला में देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को जीजीपीएस चास के (कक्षा सात से नौ) 600 विद्यार्थियों ने मेला का भ्रमण किया. बच्चों में जोश व उत्साह दोनों था. हर स्टॉल पर इनकी भारी भीड़ उमड़ रही थी. प्राचार्य केडी सिंह बच्चों से उनके पसंद के पुस्तकों की सूची बनवायी और लगभग एक हजार पुस्तकों की खरीदारी की. मेला में किचन से लेकर इंटरनेट की दुनिया तक का खजाना पुस्तक के रूप में उपलब्ध था.
मेला में अरविंद कुमार सिंह, स्मृति चक्रवर्ती, रौशन कुमार, अमर कुमार, संजय पांडेय, उत्पल, डीके सिंह, उमा चौरसिया, सुमन नागिया, रेश्मी झा, सरोज कुमार, जय सरकार, मुकेश, राज चटर्जी, पूनम सिंह, ज्योति झा, ओम दीप सहित लगभग छह सौ विद्यार्थी मौजूद थे.