कसमार: कसमार प्रखंड में लचर सरकारी स्वास्थ्य तंत्र के कारण निजी अस्पतालों तथा झोला छाप डाक्टरों की खूब चलती रहती है. कसमार प्रखंड की मंजूरा पंचायत में नवनिर्मित स्वास्थ्य केंद्र इसका ताजा उदाहरण है. यह उपस्वास्थ्य केंद्र मात्र एक एएनएम के भरोसे चल रहा है. करोड़ों की लागत से उपस्वास्थ्य केंद्र बन तो गया है, पर केंद्र में ना तो बिजली है और न ही पानी की उचित व्यवस्था. यह केंद्र कभी-कभी खुलता है.
अस्पताल में जमे घास व झाड़-झंखाड़ इसकी मिसाल हैं. आसपास के लोगों का कहना है कि डॉक्टर के नहीं रहने के कारण इस अस्पताल का कोई महत्व नहीं है. एएनएम के भरोसे मरीज अपना इलाज नहीं छोड़ सकते हैं. एएनएम ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों का इलाज हमें ही करना पड़ता है.