आज इसके बिल्कुल उलट हो रहा है. हम दौड़-भाग की जगह कुर्सी पर बैठे-बैठे कार्य निबटाते हैं. आज के समय में तनाव अधिक हो गया है. इस कारण विभिन्न प्रकार के बीमारियों का प्रभाव भी हमारे शरीर पर बढ़ा है. इससे बचने के लिए हमें आधुनिक लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना होगा. आज के समय में हर व्यक्ति को डायबिटिज, रक्तचाप, हृदयाघात, किडनी जैसी बीमारियों से जूझना पड़ रहा है.
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बदलते समय के साथ बीमारियों ने भी बदला रूप
बोकारो: सेक्टर पांच स्थित बोकारो क्लब के प्रांगण में निरोग ज्ञान आर्गेनाइजेशन की ओर से बुधवार को कार्यशाला हुई. अध्यक्षता डॉ सतीश कुमार व संचालन नीरज कुमार ने किया. डॉ कुमार ने कहा : बदलते समय में बीमारियों का रूप भी बदला है. पहले बगैर दौड़ भाग किये कोई कार्य संभव नहीं था. आज इसके […]
बोकारो: सेक्टर पांच स्थित बोकारो क्लब के प्रांगण में निरोग ज्ञान आर्गेनाइजेशन की ओर से बुधवार को कार्यशाला हुई. अध्यक्षता डॉ सतीश कुमार व संचालन नीरज कुमार ने किया. डॉ कुमार ने कहा : बदलते समय में बीमारियों का रूप भी बदला है. पहले बगैर दौड़ भाग किये कोई कार्य संभव नहीं था.
झारखंड में 24.6 लाख लोग डायबिटिक : वक्ताओं ने कहा : भारत में 125 करोड़ की आबादी है. इसमें 14.4 करोड़ डायबिटिक है. झारखंड की स्थिति का आकलन करें, तो 3.3 करोड़ की आबादी में 24.6 लाख लोग किसी न किसी प्रकार से डायबिटिक हैं. आज भारत को डायबिटिक राजधानी कहा जाता है. इन बीमारियों को दवा के माध्यम से रोका जा सकता है, लेकिन समाप्त नहीं किया जा सकता है. दवा 25 प्रतिशत ही ठीक करता है, बाकी दिनचर्या में बदलाव लाकर ही हम ठीक हो सकते हैं. बच्चों को जंक फूड, इलेक्ट्रॉनिक्स गेम्स से बढ़ते लगाव को कम करना होगा, ताकि उन पर होने वाले बीमारियों का प्रभाव कम किया जा सके. इसके अलावा वक्ताओं ने दंत रोग, चक्षु, स्त्री रोग आदि विषयों पर चर्चा की. मौके पर डॉ अंजु परेरा, डॉ जाहिद अली सिद्दीकी, डॉ अभिषेक भारद्वाज, डॉ इंद्रनील चौधरी, एसएम ठाकुर, आरके धान, राजीव कुमार, सुखदेव प्रसाद सहित अन्य मौजूद थे.
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