शिक्षक संघ द्वारा स्थानांतरण के विरोध के बाद कई शिक्षक अब भी फैसले वापस लिये जाने और पुन: फेरबदल की आस में है. इधर जिला शिक्षा अधीक्षक का कहना है कि शिक्षकों का वेतन स्थानांतरित स्कूल में योगदान के आधार पर ही बनेगा. जो योगदान नहीं करेंगे, उनका वेतन नहीं बनेगा. इसके बाद भी योगदान नहीं करने पर उपायुक्त स्तर पर कार्रवाई की जायेगी.
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योगदान नहीं दिया तो रूक जायेगा वेतन : डीएसइ
बोकारो: जिला स्थापना समिति की बैठक के बाद जिले के 50 शिक्षकों का तबादला हुआ, लेकिन अबतक कई शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है. गौरतलब है कि स्थानांतरण के बाद सोमवार को ही शिक्षकों को नये जगहों पर योगदान देना था. इधर, सूत्रों की मानें तो 50 में से महज पांच -सात शिक्षकों ने ही […]
बोकारो: जिला स्थापना समिति की बैठक के बाद जिले के 50 शिक्षकों का तबादला हुआ, लेकिन अबतक कई शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया है. गौरतलब है कि स्थानांतरण के बाद सोमवार को ही शिक्षकों को नये जगहों पर योगदान देना था. इधर, सूत्रों की मानें तो 50 में से महज पांच -सात शिक्षकों ने ही अबतक योगदान दिया है.
उल्लेखनीय है कि शहर के जिन स्कूलों में जरूरत से ज्यादा शिक्षक थे, वहां से शिक्षकों को स्थानांतरित कर दूसरे स्कूलों में भेजा गया है. स्थापना समिति की बैठक के बाद 44 शिक्षकों का इकाई समायोजन के तहत तबादला किया गया था, जबकि छह शिक्षकों का तबादला उनकी इच्छा से किया गया था.
जनप्रतिनिधियों ने रखी थी मांग
जिला अनुश्रवण समिति की बैठक में डुमरी, बेरमो व चंदनकियारी विधायक के अलावे कई जिप सदस्यों ने शहर के स्कूलों से यूनिट काट कर ग्रामीण क्षेत्रों में भेजने की मांग की थी.
110 स्कूलों में नहीं थे नियमित शिक्षक
यूनिट के समायोजन के पूर्व जिला के लगभग 110 स्कूल ऐसे थे, जहां नियमित शिक्षक नहीं थे. कई स्कूल पारा शिक्षकों के भरोसे चल रहे थे. वहीं इसके विपरीत, शहरी इलाकों मेंस्टूडेंट्स की कम संख्या के बावजूद शिक्षक काफी अधिक थे.
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