बोकारो: औद्योगिक नगरी बोकारो की चकाचौंध भरी जिंदगी जी रहे राहुल को अचानक गांव के अंधेरों का सामना करना पड़ा तो दिमाग की बत्ती ऐसी जली कि पूरे गांव को रोशन करने की तरकीब ढूंढ़ ली. सेक्टर 2 बी/1-185 निवासी राहुल कुमार बोकारो इस्पात विद्यालय सेक्टर 2 ए में क्लास 10वीं का छात्र है. राहुल के पिता प्रह्लाद लहरी बीएसएल में दिहाड़ी मजदूर है, जबकि मां भानु देवी गृहिणी है. राहुल ने अपने दोस्तों के साथ मिल कर सोलर पावर टावर बनाया है. इससे पांच सौ रुपये के खर्च पर एक दो वॉट का बल्ब जलेगा.
ऐसे क्लिक हुआ आइडिया
राहुल अपने दोस्त अनवारुल हक, उषा सोरेन, अनुराधा कुमारी, सोनी मिश्र के साथ चिड़काधाम घूमने गया. इसी दौरान उसका मोबाइल डिस्चार्ज हो गया. बिजली नहीं होने से मोबाइल चार्ज नहीं हो पाया. आसपास के गांवों में बिजली संकट को देख उसने और उसके दोस्तों ने इस समस्या का हल ढूंढ़ने की सोची. राहुल और उसके दोस्तों ने सौर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न करने के लिए ‘सोलर पावर टावर’ बनाने का फैसला लिया ताकि गांव में बिजली की समस्या दूर हो सके.
15 दिनों में मिली कामयाबी
राहुल व उसके दोस्त 15 दिनों की मेहनत के बाद राहुल और उसके दोस्तों को ‘सोलर पावर टावर’ बनाने में कामयाबी मिली. राहुल की मानें तो इस उपकरण को बनाने में पांच सौ रुपये का खर्च आया. इससे एक दो वाट का बल्ब जल सकता है. कहा : अगर इस उपकरण को बड़े पैमाने पर बनाया जाय तो पूरा गांव रोशन हो सकता है. इसमें खर्च भी कम आयेगा. केवल डायनेमो व कंप्रेशर का खर्च बढ़ता जायेगा. अवतल दर्पण की संख्या वही रहेगी.
ऐसे उत्पन्न होगी ऊर्जा
अवतल दर्पण से निर्मित इस ‘सोलर पावर टावर’ में सूर्य की किरणों को दर्पण के सहारे एक बिंदु पर एकत्र किया जाता है. फिर इस किरण को पूजा-पाठ में उपयोग होने वाले धुना पत्थर पर परावर्तित किया जाता है. इससे धुना पत्थर जल्दी गर्म होकर भाप में बदल जाता है. इसके बाद यह भाप डायनेमो के टरबाइन को घुमाता है और बिजली पैदा होती है. राहुल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर बनना चाहता है. राहुल के साथ-साथ उसके दोस्त भी ‘सोलर पावर टावर’ को लेकर काफी उत्साहित हैं.
भाप से ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है. राहुल का ‘सोलर पावर टावर’ सौर ऊर्जा का एक उदाहरण है. इस पर पूरे देश में काम हो रहा है. सौर ऊर्जा के कई उपकरण जैसे सोलर प्लेट, सोलर स्ट्रीट लाइट आदि आम जीवन में उपयोग हो रहा है. राहुल के ‘सोलर पावर टावर’ प्रोजेक्ट को बड़े पैमाने पर बना कर गांव को रोशन किया जा सकता है.
एके सिंह, भौतिक शास्त्र विशेषज्ञ, के -इंस्टीच्यूट, सिटी सेंटर-सेक्टर 4