बोकारो : लुगू के गांवों में नहीं थम रहा हाथियों का उत्पात

महुआटांड़ : बोकारो जिला के लुगु पहाड़ व इसके तटवर्ती जंगलों के निकट बसे गांवों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा. बुधवार को घघरी में कहर बरपाने के बाद अब शुक्रवार की रात चोरगांवां (टीकाहारा) में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों का झुंड शाम सात बजे ही गांव के निकट […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 17, 2019 11:27 AM

महुआटांड़ : बोकारो जिला के लुगु पहाड़ व इसके तटवर्ती जंगलों के निकट बसे गांवों में हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा. बुधवार को घघरी में कहर बरपाने के बाद अब शुक्रवार की रात चोरगांवां (टीकाहारा) में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. हाथियों का झुंड शाम सात बजे ही गांव के निकट पहुंच चुका था. रात के करीब 11 बजे यह झुंड चोरगांवां पहुंचा और बेहद निर्धन जीतू महतो के कच्चे घर को दो तरफ से ढाह दिया.

घर में जीतू महतो के पुत्र, पुत्रवधू और उनका एक साल का मासूम पोता सो रहा था. सभी बाल-बाल बच गये. पुत्र सुनील कुमार को हल्की चोट लगी है. हुआ यूं कि घर के पीछे की ओर से हाथियों ने दीवार पर प्रहार किया और मलबा चौकी पर गिरा. सुनील ने तुरंत अपने बच्चे व पत्नी को हटाया. सभी चौकी के नीचे छिप गये.

घर में रखे करीब 15 हजार रुपये मूल्य के तीन क्विंटल महुआ, कई क्विंटल चावल और धान हाथी चट कर गये. अनाज को जहां-तहां छींट दिया. रसोई की दीवार ढहने से सारे बर्तन व अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गये. बारी में मकई की फसल को भी हाथियों के झुंड ने रौंद दिया.

बड़ी हिम्मत कर अजय महतो व एक अन्य युवक ने हाथियों को खदेड़ा. जाते वक्त हाथियों ने रोहनिया टोला में भी जानकी मांझी का कच्चा घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया. यहां भी दो घंटे तक हाथियों ने फसलों को रौंदा. हाथियों ने अजय महतो, जीतू महतो, टेकलाल साव, जानकी मांझी, बद्रीनाथ महतो व अन्य की धान व मकई की फसल भी रौंद डाला.

सूचना पाकर मुखिया प्रतिनिधि धनीराम टुडू, वार्ड सदस्य मनोज कुमार महतो, समाजसेवी अजय महतो, तुलसीदास महतो व राजेश मुर्मू व अन्य ने शनिवार सुबह नुकसान का जायजा लिया. सभी ने वन विभाग से विकराल हो रही इस समस्या के समाधान की मांग की है. मुखिया प्रतिनिधि धनीराम ने रेंजर गोमिया को घटना की सूचना भी दी.

उधर, क्षेत्र में लगातार हाथियों के हमले का दंश झेल रहे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश है. ग्रामीणों ने कहा कि हाथी भगाने का कोई संसाधन भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराया गया है. समय पर कोई सूचना नहीं दी जाती. इसकी वजह से वे हाथियों के उत्पात से बचने की तैयारी भी नहीं कर पाते. विदित हो कि बुधवार की आधी रात के बाद घघरी में हाथी के हमले में घर के मलबे में दबकर 18 वर्षीय अनिता मरांडी की मौत हो गयी थी.

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