बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर को बलिष्ठ अंगरक्षकों (बाउंसरों) से घिरा रहना पसंद नहीं है क्योंकि वह महसूस करते हैं कि यह उन्हें अपने प्रशंसकों के प्यार और स्नेह से वंचित कर देता है. ‘सारांश’ फिल्म के 58 वर्षीय अभिनेता हाल ही में अपने आत्मकथात्मक नाटक ‘कुछ भी हो सकता है’ के मंचन के लिए राजधानी में थे.
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘‘कुछ भी हो सकता है’ के मंचन के लिए मेरा बाउंसरों की संस्कृति से निकटता से वास्ता पड़ा. वे मेरी सुरक्षा के लिए थे. घिरा-घिरा और दमघोंटू सा महसूस हुआ.’’उन्होंने लिखा, ‘‘बाउंसर आपको लोगों के प्यार एवं स्नेह से वंचित करते हैं. मुङो यह बड़ा हास्यास्पद भी लगा.’’ उन्होंने लिखा है कि महत्वपूर्ण होने का झूठा बोध पैदा करती है यह बाउंसर संस्कृति.