चास: चास नगर निगम क्षेत्र का वार्ड नंबर 10 कई बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है. अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैया के कारण नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी बड़ा पुल का संपर्क पर्थ अभी तक नहीं बन पाया है. इसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. बोकारो से भर्रा को जोड़ने के लिये पुल के अतिक्रमण को नहीं हटाया गया है.
इसके लिये सिर्फ एक झोपड़ी को ही हटाना है, जो कि अवैध है. गौरतलब हो कि भर्रा के बड़ा पुल का निर्माण वर्ष 2008 में करीबन दो करोड़ की लागत से किया गया था. वहीं दूसरी ओर गत दिनों हुई तेज बारिश से बोकारो होटल की ओर से आने वाले पथ पर बना छोटा पुलिया का संपर्क पथ टूट गया है. एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी संपर्क पथ के मरम्मत का कार्य शुरू नहीं हुआ है. इसके कारण वार्ड वासियों में आक्रोश का माहौल है. जबकि स्थानीय विधायक बिंरची नारायण, चास नगर निगम के मेयर भोलू पासवान सहित अन्य लोगों ने संपर्क पथ का जायजा लिया है. फिलहाल वार्ड वासी व्याप्त समस्याओं से निजात पाने के लिये संघर्ष कर रहे हैं.
समस्याओं को सुनने के लिये सोमवार को वार्ड नंबर 10 स्थित ठाकुर मुहल्ला मेन रोड भर्रा में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें वार्ड वासियों ने खुलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया. इस दौरान वार्ड वासियों ने आरोप लगाते हुये कहा कि भर्रा की स्थिति काफी दयनीय है. अगर शीघ्र दोनों पुल का संपर्क पथ नहीं बनाया गया तो कभी भी बोकारो से संपर्क कट सकता है. लोगों का मानना है कि यहां की समस्याओं से निजात दिलाने के लिये जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं हैं.
वार्ड क्षेत्र में नहीं हो सका पाइप लाइन का विस्तार : वार्ड नंबर 10 व एक में अभी तक पाइप लाइन का विस्तार नहीं हो पाया है. गरमी में पानी की किल्लत हो जाती है. यहां के लोग प्रतिदिन बोकारो सेक्टर 1/सी से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं. वार्डवासियों का कहना है कि भर्रा शुरू से ही नगरीय व्यवस्था में शामिल है. इसके बाद भी चास जलापूर्ति योजना से वंचित रखा गया है.
जर्जर है मुख्य सड़क
करीबन 10 हजार आबादी वाले इस वार्ड क्षेत्र के मुख्य सड़क की स्थिति अति दयनीय है. जगह-जगह सड़क पर गड्ढे बन गये हैं. नाली नहीं होने से घरों का गंदा पानी सड़क पर ही बहता है. चास नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जमिल अख्तर ने बताया कि 1983 में डीपीएलआर द्वारा गरगा नदी के किनारे भर्रा को बसाया गया था. इसी दौरान यहां सड़क का निर्माण कराया गया था, लेकिन नाली का निर्माण नहीं कराया गया. सड़क तो बनी, लेकिन मरम्मत के नाम पर एक-दो बार खानापूर्ति की गयी. नगर निगम को होल्डिंग सहित अन्य टैक्स वार्ड वासी देते हैं, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है.