साथ ही साथ विस्थापन की समस्या, पिछड़ों का आरक्षण 27 प्रतिशत करने, सीएनटी एक्ट में संशोधन रोकने, भूमि अधिग्रहण बिल के कुप्रभाव, झारखंड की घोषित रोजगार नीति के तहत अनारक्षित जिला को स्वतंत्र किये जाने के परिणाम, कृषि उद्योग का दर्जा, किसानों व मजदूरों की वर्तमान की स्थिति, सिंचाई की व्यवस्था सहित सभी राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही समाज की उपेक्षा पर ध्यान दिलाया. डिप्टी सीएम व कैबिनेट मंत्री ने कहा कि प्रजातंत्र में भीड़ ही सबसे बड़ी ताकत है.
हमें अपनी उपस्थिति का एहसास राष्ट्रीय व क्षेत्रीय दलों को कराने की कोशिश करनी होगी, तभी हमें सत्ता में भागीदारी हासिल होगी. श्री मौर्या ने नवंबर माह में झारखंड आने पर अपनी सहमति जतायी. प्रतिनिधिमंडल में महासभा के प्रदेश महासचिव सत्यदेव प्रसाद वर्मा, प्रशिक्षण प्रभारी संजय शान, चतरा जिला अध्यक्ष अर्जुन कुमार, चतरा महासचिव राजू लाल वर्मा, हजारीबाग जिला अध्यक्ष मुकुटधारी महतो, चतरा पूर्व जिला अध्यक्ष केदार दांगी, सरिया प्रखंड प्रमुख रामपति प्रसाद वर्मा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य देवेंद्र प्रसाद कुशवाहा, रामसेवक दांगी, इंद्रदेव दांगी आदि शामिल थे.