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शिक्षा के क्षेत्र में उपलब्धियों और प्रतिष्ठा का पर्याय है दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो

बोकारो. बोकारो को राज्य का शैक्षणिक राजधानी का दर्जा दिलाने में दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो का मुख्य योगदान है. उपलब्धियों के कारण डीपीएस बोकारो राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिष्ठित नाम है. बोकारो में बाहर के जिलों आैर राज्यों से आकर काफी संख्या में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इसका सर्वाधिक श्रेय डीपीएस को जाता है. […]

बोकारो. बोकारो को राज्य का शैक्षणिक राजधानी का दर्जा दिलाने में दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो का मुख्य योगदान है. उपलब्धियों के कारण डीपीएस बोकारो राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतिष्ठित नाम है. बोकारो में बाहर के जिलों आैर राज्यों से आकर काफी संख्या में बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. इसका सर्वाधिक श्रेय डीपीएस को जाता है. दो जुलाई 1987 में स्थापित इस विद्यालय ने 30 वर्षों के अपने सफर में कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं.
प्रसून कुमार झा वर्ष 1993 में देश भर में प्रथम : देश की सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्थानों आइआइटी सहित अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों की प्रवेश परीक्षा में इस विद्यालय के विद्यार्थी काफी संख्या में चुने जाते हैं. आइआइटी की प्रवेश परीक्षा में डीपीएस बोकारो के छात्र प्रसून कुमार झा ने वर्ष 1993 में देश भर में प्रथम स्थान प्राप्त किया और नीरज सिन्हा सीबीएसइ मेडिकल में टॉप रहे. वर्ष 2001 में अमेरिका में आयोजित अंतरराष्ट्रीय मैथमेटिक्स ओलंपियाड में अभय कुमार झा ने स्वर्ण पदक प्राप्त कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बोकारो और देश की ख्याति बढ़ायी.
यहां के 32 शिक्षक विभिन्न स्कूलों में हैं प्राचार्य : डीपीएस का मूलमंत्र है ‘सर्विस विफोर सेल्फ’ (निष्काम सेवा). गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के लिए विख्यात इस विद्यालय में शिक्षा द्वारा बच्चों के चरित्र निर्माण व उनमें सहयोग की भावना, समानता, साहस व न्याय की भावना जागृत करने पर भी जोर दिया जाता है. यह संस्था इस बात के लिए प्रयासरत है कि बच्चों में सकारात्मक सोच विकसित हो, वे बदलती परिस्थति के अनुसार अपने आप को ढालें और अपने आदर्शों पर भी कायम रह सके. यहां के 32 शिक्षक देश के विभिन्न विद्यालयों में प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं.
स्टूडेंट्स की सफलता उत्कृष्टता को दर्शाता है : दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षा हो या प्रतिष्ठित आइआइटी-जे़इइ व अन्य इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित विविध प्रतियोगी परीक्षाएं, डीपीएस बोकारो के बच्चों की सफलता का बढ़ता ग्राफ यहां की शैक्षणिक उत्कृष्टता को दर्शाता है. हर वर्ष इस विद्यालय के सैकड़ों बच्चे इंजीनियरिंग, मेडिकल सहित प्रतिष्ठित प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होते हैं. यहां के विद्यार्थी भारतीय प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा, इंजीनियरिंग, मेडिकल, सेना सहित अन्य प्रतिष्ठित सेवाओं में काफी संख्या में हैं.
जेइइ मेन्स में 210, जेइइ एडवांस्ड में 75, यूपीएससी सिविल सर्विसेज में पांच… : इस वर्ष जेइइ मेन्स में 210, जेइइ एडवांस्ड में 75, यूपीएससी सिविल सर्विसेज में पांच, एम्स मेडिकल में दो व नीट मेडिकल में डीपीएस बोकारो के 61 विद्यार्थियों का चयन हुआ है. डीपीएस बोकारो के 12वीं के छात्र व विद्यालय के स्टूडेंट काउंसिल के लिटररी सेक्रेटरी अमर्त्य उत्कर्ष का चयन कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से छात्रवृत्ति के लिए हुआ है.
डॉ़ हेमलता एस मोहन के मार्गदर्शन में ऊंचाइयों को छू रहा है डीपीएस
निदेशक व प्राचार्या डॉ़ हेमलता एस मोहन के मार्गदर्शन में डीपीएस बोकारो शिक्षा के क्षेत्र में नित नयी ऊंचाइयों को छू रहा है. डॉ़ हेमलता एस मोहन को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सीबीएसइ शिक्षक सम्मान-2002 व राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2004 प्रदान किया गया. डॉ़ हेमलता वर्ष 2010 से 2013 तक झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रहीं. पत्रिका एजुकेशन वर्ल्ड द्वारा एकेडमिक पैरामीटर के आधार पर डीपीएस बोकारो को देश का सर्वश्रेष्ठ डे स्कूलों में शुमार किया गया है. ब्रिटिश काउंसिल की ओर से इंटरनेशनल अवॉर्ड मिला है. डॉ़ हेमलता एस मोहन ने कहा कि वैश्विक परिवेश में बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक माहौल देने के लिए विद्यालय प्रबंधन तत्पर है. प्रबंधन की कोशिश रहती है कि विद्यालय में बच्चों को हॉलिस्टिक एजुकेशन मिले, ताकि उनका समुचित विकास हो सके. इसी को ध्यान में रख कर कई प्रयोग होते रहते हैं. इस दिशा में विद्यालय में कई आवश्यक सुविधाएं मुहैया करायी गयी हैं. स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था की गयी है. अभिभावकों के लिए इआरपी जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं, ताकि वे अपने बच्चे से संबंधित जरूरी सूचनाएं सहजता से प्राप्त कर सके. विद्यालय की शैक्षिक प्रगति में पूरी टीम जिसमें विद्यालय प्रबंधन, शिक्षक, विद्यार्थी, अभिभावक सहित बोकारोवासियों का सहयोग सराहनीय रहा है.
मौलिक शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए ‘दीपांश शिक्षा केंद्र’ का संचालन
मौलिक शिक्षा से वंचित बच्चों के लिए मिक्सड मीडियम स्कूल ‘दीपांश शिक्षा केंद्र’ का संचालन डीपीएस बोकारो द्वारा किया जा रहा है, जिसमें लगभग 350 बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. अभी इसमें कक्षा एक से सात तक की पढ़ाई हो रही है. इनमें से मेधावी विद्यार्थियों का चयन कर उनका नामांकन डीपीएस के मेन स्ट्रीम में किया जाता है और इनकी पढ़ाई की सारी जिम्मेवारी डीपीएस द्वारा वहन की जाती है. गरीब महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र ‘कोशिश’ का संचालन भी हो रहा है.

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