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जोसा काउंसिलिंग में जेइइ मेन के हर छात्र को मौका

पहला चरण यानी रजिस्ट्रेशन 15 जून से होगा शुरू बोकारो : 2015 से जोसा यानी ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपल आइटी और अन्य जीएफटीआइ के लिए काउंसिलिंग संचालित करती है. 2017 में 23 आइआइटी, 31 एनआइटी, 23 ट्रिपल आइटी और 20 अन्य गवर्नमेंट फंडेड टेक्निकल इंस्टीट्यूट के लिए काउंसिलिंग होगी. जेइइ मेन के […]

पहला चरण यानी रजिस्ट्रेशन 15 जून से होगा शुरू

बोकारो : 2015 से जोसा यानी ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी आइआइटी, एनआइटी, ट्रिपल आइटी और अन्य जीएफटीआइ के लिए काउंसिलिंग संचालित करती है. 2017 में 23 आइआइटी, 31 एनआइटी, 23 ट्रिपल आइटी और 20 अन्य गवर्नमेंट फंडेड टेक्निकल इंस्टीट्यूट के लिए काउंसिलिंग होगी. जेइइ मेन के आधार पर एनआइटी, ट्रिपल आइटी और जीएफटीआइ में दाखिला मिलेगा. जेइइ एडवांस्ड के आधार पर आइआइटी व अन्य प्रमुख संस्थानों में दाखिल मिलेगा. इस वर्ष की जोसा काउंसिलिंग में जेइइ मेन में शामिल सभी उम्मीदवार हिस्सा ले सकेंगे.
एनआइटी के लिए बोर्ड मार्क्स
एनआइटी में एडमिशन को इच्छुक उम्मीदवारों के लिए बोर्ड परीक्षा के अंक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे. इसके अनुसार सामान्य व ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवार को बोर्ड में 75 फीसदी अंक जरूरी है. एससी, एसटी उम्मीदवार के लिए यह 65 फीसदी निर्धारित है.
काउंसिलिंग फीस
जोसा काउंसिलिंग में शामिल होने के लिए किसी तरह की फीस या रजिस्ट्रेशन फीस नहीं है. सीट अलॉटमेंट होने पर रिपोर्टिंग सेंटर में फीस जमा करनी होगी. यह फीस सामान्य व ओबीसी के लिए 45 हजार रुपये और एससी-एसटी के लिए 20 हजार रुपये है.
काउंसिलिंग के प्रमुख चरण
पहला चरण रजिस्ट्रेशन है, जो 15 जून से ऑफिसियल वेबसाइट पर होगा. दूसरा चरण च्वाइस फिलिंग का है. यह सबसे अहम कड़ी है. हर विद्यार्थी को इंस्टीट्यूट एवं ब्रांच का अधिकतम च्वाइस अपने परफॉरमेंस के आधार पर भरना चाहिए. सही सीक्वेंस डिक्रिजिंग आॅर्डर में भरना होता है. छोटी सी चूक रैंक होने के बावजूद आपको कॉलेज से वंचित कर सकती है. तीसरा चरण च्वाइस लॉकिंग का है. यदि किसी कारण कोई विद्यार्थी लॉक कर नहीं कर पाता है,
तब लास्ट सेव्ड च्वाइस लॉक हो जाता है. इसलिए च्वाइस लॉकिंग सोच समझ कर और सही समय पर करना चाहिए. चौथा चरण है मॉक सीट अलॉटमेंट. यह 20 जून को पहली बार और 23 जून को दूसरी बार किया जायेगा. पिछले वर्ष इससे यह पता चल पाया कि क्या मिलेगा. इस अलॉटमेंट के बाद जिन्हें लगा की ठीक ब्रांच नहीं मिला, उन्होंने च्वाइस को फिर बदला. पांचवें चरण में नंबर ऑफ सीट एलोकेशन राउंड होंगे. इसके सात राउंड होंगे.
पहले राउंड का डिसप्ले 29 जून को होगा. 18 जुलाई को सातवां राउंड होगा. हर राउंड में क्लोजिंग रैंकिंग नीचे जाती है इसलिए च्वाइस फिलिंग ध्यान से करना है. इससे लास्ट राउंड तक भी कुछ मिले. काउंसिलिंग के छठे चरण में सीट एक्सेप्टेंस होगा. सीट अलॉट होने के बाद सीट एक्सेप्ट करना होता है, जिसके लिए रिपोर्टिंग सेंटर पर डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए जाना होता है. इसके लिए इ-चालान या नेट बैंकिंग से फीस जमा करना होता है. इसके बाद की प्रक्रिया रिपोर्टिंग सेंटर में जाना है. इसके आगे की राउंड में भाग लेने के लिए यह आवश्यक है कि विद्यार्थी फ्रीज-फ्लोट एवं स्लाइड मार्क करे. यदि किसी को फर्स्ट राउंड में एनआइटी मिला और सेकेंड राउंड में आइआइटी मिला, तो उसे फिर आइआइटी जाकर रिपोर्ट करनी होगी. इसी तरह आइआइटी वाले को एनआइटी मिला तब उसे फिर एनआइटी रिपोर्टिंग सेंटर पर जाना होगा, नहीं तो सीट लैप्स कर जायेगी. विद ड्रॉ ऑप्शन भी विद्यार्थियों के लिए होगा. कोई छात्र सातवें राउंड
या उसके पहले सीट विद ड्रॉ कर सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान
समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं करने पर आगे अवसर नहीं मिलेगा.
समय पर च्वाइस फिलिंग नहीं करने वाले को एडमिशन नहीं मिलेगा.
ड्यूल रिपोर्टिंग को ठीक से समझें और च्वाइस फिलिंग को भी इसके मद्देनजर ठीक से करें.
एक बार लॉक होने के बाद च्वाइस फिलिंग में बदलाव नहीं आयेगा.

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