झामुमो से सीट वापस छीनने के लिए और दिल्ली में लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने जमशेदपुर सीट पर हैवीवेट कैंडिडेट के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को उतारा. यह पहला ऐसा मौका था, जब भाजपा ने जमशेदपुर की जनरल सीट पर आदिवासी समुदाय के व्यक्ति को चुनाव मैदान में उतारा था. अर्जुन मुंडा ने इस सीट पर वैसा ही परिणाम दिया, जिसकी उम्मीद केंद्रीय नेतृत्व कर रहा था.
अर्जुन मुंडा ने झामुमो प्रत्याशी सुमन महतो को 1,19,663 मतों से पराजित किया. भाजपा किसी भी हाल में झामुमो की हैट्रिक को रोकना चाहती थी. 2004 के लोकसभा चुनाव में सुनील महतो और 2007 के उप चुनाव में सुमन महतो ने इस सीट को जीत कर झामुमो की झोली में डालने का काम किया था.
भाजपा से लगातार टिकट की प्रतिक्षा में बैठे शैलेंद्र महतो को जब आभा महतो(शैलेंद्र महतो की पत्नी) के लिए टिकट नहीं मिला तो 2009 के लोस चुनाव में आजसू पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो के कहने पर वे आजसू उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे. सुदेश महतो ने शैलेंद्र महतो के कंधे पर रखकर बंदूक चलायी और पूरे लोकसभा क्षेत्र का अध्ययन किया. 2009 के विधान सभा चुनाव में आजसू पार्टी को कोल्हान से पहली सफलता जुगसलाई विधान सभा जीत के साथ मिली.
टॉप पांच उम्मीदवार
नाम पार्टी प्राप्त वोट
अर्जुन मुंडा भाजपा 3,19,620
सुमन महतो झामुमो 1,99,957
अरविंद सिंह झाविमो 79,089
शैलेंद्र महतो आजसू 37,400
हेमंत सिंह आमरा बांगली 9,299