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रांची का पहाड़ी मंदिर होगा पूर्वी भारत की शान, गुलाबी पत्थर का बनेगा मंदिर

रांची: राजधानी रांची का पहाड़ी मंदिर पूर्वी भारत की शान होगा. इस मंदिर का निर्माण गुलाबी पत्थरों से किया जायेगा. ये पत्थर राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से मंगाये जायेंगे. उक्त बातें देश के जाने-माने आर्किटेक्ट मनोज त्रिवेदी सोनपुरा ने सोमवार को पहाड़ी मंदिर में कही. गौरतलब है कि श्री त्रिवेदी ने ही दिल्ली के अक्षरधाम […]

रांची: राजधानी रांची का पहाड़ी मंदिर पूर्वी भारत की शान होगा. इस मंदिर का निर्माण गुलाबी पत्थरों से किया जायेगा. ये पत्थर राजस्थान सहित अन्य प्रदेशों से मंगाये जायेंगे. उक्त बातें देश के जाने-माने आर्किटेक्ट मनोज त्रिवेदी सोनपुरा ने सोमवार को पहाड़ी मंदिर में कही.

गौरतलब है कि श्री त्रिवेदी ने ही दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर, वृंदावन का प्रेम मंदिर, कुंडा में जैन समुदाय के भव्य मंदिर का डिजाइन बनाया है.

श्री त्रिवेदी ने कहा कि पिछले दो दिनों से मैंने पहाड़ी मंदिर के पूरे परिसर का निरीक्षण किया है. मैंने कहीं भी इस तरह के पहाड़ पर भव्य व ऐतिहासिक मंदिर नहीं देखा है. यह अद्भुत मंदिर है. इस अवसर पर दया शंकर शर्मा, सुनील माथुर, प्रेम शंकर चौधरी, हरि जालान आदि उपस्थित थे.

नया डिजाइन बनेगा
श्री त्रिवेदी ने कहा कि बीआइटी द्वारा जो नये मंदिर का डिजाइन बनाया गया है. उस डिजाइन को धरातल पर उतारने के लिए कंक्रीट का मंदिर बनाना पड़ेगा. परंतु अगर हम पत्थर से मंदिर का निर्माण करते हैं तो यह डिजाइन धरातल पर नहीं उतरेगा. इसके लिए हमें नये डिजाइन को बनाना पड़ेगा. श्री त्रिवेदी ने कहा कि वह एक माह के अंदर पहाड़ी मंदिर का तीन नक्शा बना कर अहमदाबाद से भिजवायेंगे. उसमें से जो नक्शा पहाड़ी मंदिर विकास समिति के सदस्यों को पसंद आयेगा. उसी डिजाइन से मंदिर का निर्माण किया जायेगा. श्री त्रिवेदी ने कहा कि मंदिर निर्माण में आनेवाले लागत को अभी बताना संभव नहीं है.

एक हजार साल तक रहेगा मंदिर
श्री त्रिवेदी ने कहा कि कंक्रीट से बने मंदिरों की आयु आम तौर पर 100 साल की होती है. परंतु पत्थर से बनाये गये मंदिरों की आयु हजार साल तक होती है. चूंकि पत्थर का वजन ज्यादा होता है, इसलिए हमने यह भी देखा है कि मंदिर निर्माण से भू-स्खलन आदि की घटनाएं न हो. श्री त्रिवेदी ने कहा कि नया मंदिर भव्य तो होगा ही इसके वजन से भू-स्खलन भी नहीं होगा. सबसे अच्छी बात यह है कि यह मंदिर हजार साल तक जस के तस स्थिति में रहेगा.

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