शुक्रवार को रांची का टेट्रा वायरलेस सिस्टम फेल कर गया. मुख्यमंत्री का काफिला जाम में फंस गया. तब अफसरों की निंद खुली. शनिवार को प्रभात खबर ने वायरलेस विभाग की स्थिति पर पड़ताल की, तो पता चला कि पुलिस विभाग के सीनयर अफसरों ने ही विभाग को बरबाद कर दिया. वायरलेस सेट-बैटरी की खरीद, कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर अफसरों की पोस्टिंग तक में हुई लापरवाही के कारण यह विभाग धीरे-धीरे खत्म होने के कागार पर पहुंच गया है.
रांची: गोपनीय सूचनाओं के आदान-प्रदान और पुलिस के मूवमेंट की जानकारी देने के लिए वायरलेस विभाग का गठन हुआ था. अब यह विभाग खत्म होने के कगार पर है. विभाग के पास न तो अधिकारी-कर्मचारी है और न ही संसाधन. विभाग में विभिन्न रैंक में पदों की स्वीकृत संख्या 1990 है. इसके विरुद्ध विभाग में सिर्फ 290 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं. वर्ष 1989 के बाद न तो एकीकृत बिहार में और न ही राज्य बनने के बाद किसी भी तरह की नियुक्ति हुई. मतलब 26 साल में एक भी नियुक्ति नहीं की गयी. यही हाल वायरलेस सेट की उपलब्धता का है. जरूरत के मुकाबले आधे वायरलेस सेट भी विभाग के पास उपलब्ध नहीं है. विभाग को 9550 वायलेस सेट की जरूरत है, लेकिन सिर्फ 5750 वायरलेस सेट है. इस तरह 3800 वायरलेस सेट की कमी है.
जानकारी के मुताबिक वायरलेस विभाग में ऑपरेटर के 1078 में से 1073 पद रिक्त पड़े हैं. एएसपी व डीएसपी रैंक के सभी नौ पद रिक्त हैं. इंस्पेक्टर रैंक में 33 की जगह एक पदाधिकारी हैं. यह विभाग टेक्नोलॉजी पर काम करता है, पर टेक्निकल एसआइ के 242 में से 176 और टेक्निकल एएसआइ के 30 में से 29 पद रिक्त हैं. एलसी टेक्निकल पद पर तो कोई है ही नहीं. विभाग में एकाउंटेंट भी नहीं है.
हाई बैंड-लॉ बैंड का चक्कर : एकीकृत बिहार के समय से वायरलेस विभाग को हाई बैंड फ्रिक्वेंसी का वायरलेस सेट उपलब्ध कराया जाता था. झारखंड बनने के बाद वर्ष 2003-04 में विभाग ने लो बैंड का वायरलेस सेट खरीद लिया. तब जिलों में पदस्थापित कई पुलिस अधीक्षकों ने इस पर सवाल उठाया. यह बात भी सामने आयी कि लो बैंड वायरलेस सेट पर की जाने वाली बातचीत को नक्सली सुन ले रहे हैं. तब इसकी खरीद में कमीशनखोरी की बात भी सामने आयी थी. जिस कंपनी की सलाह पर वायरलेस सेट खरीदने का फैसला लिया गया था, उसी कंपनी के लोगों की एक दूसरी कंपनी से वायरलेस सेट की खरीद कर ली गयी थी. तब इस मामले को दबा दिया गया. इस घटना के बाद विभाग के सीनियर अफसर वायरलेस विभाग से दूर होने लगे.
टेट्रा में डूबे 4.50 करोड़ : वर्ष 2007-08 में पुलिस विभाग ने रांची और जमशेदपुर शहर की पुलिसिंग और वीआइपी मूवमेंट के लिए पारंपरिक वायरलेस सेट की जगह टेट्रा सिस्टम शुरू करने का फैसला लिया. दोनों शहर में टेट्रा टावर लगाने व कंट्रोल रूम बनाने के लिए करीब 10 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गयी. रांची में पहाड़ी मंदिर पर और जमशेदपुर में दलमा हिल पर टेट्रा का टावर लगाया गया. रांची में तो टेट्रा सिस्टम शुरू कर दिया गया, लेकिन जमशेदपुर में यह शुरू ही नहीं हुआ. सरकार के करीब 4.50 करोड़ रुपये डूब गये. इसके लिए किसी भी अफसर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सका है. इसकी कुछ फाइल अभी भी डीजीपी के पास लंबित है. रांची में जो टेट्रा सिस्टम शुरू हुआ, उसके मेंटेनेंस का काम नोकिया सीमेंस कंपनी को मिला था. विभाग ने मेंटेनेंस का काम तो कराया, लेकिन पेमेंट समय पर नहीं किया. इस कारण वर्ष 2015 में इस कंपनी ने काम ही छोड़ दिया.
26 साल से नहीं हुई किसी भी पद पर नियुक्ति
पद स्वीकृत पद कार्यरत
एएसपी 01 00
सीनियर डीएसपी 01 00
डीएसपी, ऑपरेशन 04 00
डीएसपी, टेक्निकल 02 00
डीएसपी, सामान्य 00 01
इंस्पेक्टर, ऑपरेशन 33 01
इंस्पेक्टर, टेक्निकल 09 01
एसआइ, ऑपरेशन 242 66
एसआइ, टेक्निकल 19 04
एएसआइ, ऑपरेशन 468 180
एएसआइ, टेक्निकल 30 01
पद स्वीकृत पद कार्यरत
स्टेनो एएसआइ 02 00
एलसी ऑपरेटर 1078 05
एलसी टेक्निकल 26 00
हवलदार 04 04
हवलदार, चालक 01 00
सिपाही 20 12
चालक सिपाही 06 04
एलडीसी 04 02
एकाउंटेंट 02 00
फीटर 06 03
हेल्पर 31 06
वायरलेस सेट का है घोर अभाव
सेट जरूरत उपलब्ध कमी
वीएचएफ हैंड हेल्ड सेट 4500 3100 1400
वीएचएफ मोबाइल सेट 4700 2500 2200
एचएफ सेट 350 150 200
कोतवाली थाना प्रभारी ने की वैकल्पिक व्यवस्था
टेट्रा खराब होने पर कुछ थाना प्रभारियाें ने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की है़ कोतवाली थाना प्रभारी ने गश्ती में लगे इक्को व माइक वाहन में दो मोबाइल दे दिये है़ं दोनों मोबाइल का नंबर कंट्रोल रूम को बता दिया गया है़ .
किसी प्रकार की घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में हाेने पर उस मोबाइल नंबर पर सूचना देने के लिए कहा गया है़ यदि उन मोबाइल नंबर पर बात नहीं हो, तो थाना प्रभारी के सरकारी नंबर पर संपर्क करने को कहा गया है़ टेट्रा से जुड़ा वर्तमान वायरलेस सेट (मोटारोला सेट) काम नहीं कर रहा है, जिस कारण पुराने केनवुड का सेट निर्गत किया गया है़ पुराने समय में केनवुड वायरलेस सेट का प्रयोग पुलिस वाले करते थे़ इंजीनियर टेट्रा को ठीक करने में लगे हुए थे.