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खनन जिलों का 1479 करोड़ से होगा विकास

रांची : खनिज बहुल जिलों के लिए 1479 करोड़ रुपये मिलेंगे. यह राशि खनिज बहुल जिलों में ही खर्च होंगे. डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट(डीएमएफटी) के तहत खनिजों की रॉयल्टी की 30 फीसदी राशि उसी जिले में खर्च की जानी है. विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 1479.71 करोड़ रुपये डीएमएफटी के तहत प्राप्त […]

रांची : खनिज बहुल जिलों के लिए 1479 करोड़ रुपये मिलेंगे. यह राशि खनिज बहुल जिलों में ही खर्च होंगे. डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट(डीएमएफटी) के तहत खनिजों की रॉयल्टी की 30 फीसदी राशि उसी जिले में खर्च की जानी है. विभाग द्वारा इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक 1479.71 करोड़ रुपये डीएमएफटी के तहत प्राप्त होने का अनुमान है, जिसमें अबतक 567.22 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. अभी भी 961.90 करोड़ रुपये मिलने शेष हैं. इसके लिए जिलों से योजना मांगी गयी थी.

कई जिलों ने योजना भेजी है, पर अभी तक राशि खर्च होने की सूचना नहीं है. खान विभाग के सूत्रों ने बताया कि जिलों ने राशि खर्च की भी होगी, तो इसकी सूचना अभी तक विभाग को नहीं दी गयी है.

खनिज बहुल प्रमुख जिलों में क्या होगा काम : डीएमएफटी से प्राप्त राशि से अब खनिज बहुल जिलों में विकास का खाका खींचा गया है. धनबाद जिला द्वारा सर्वाधिक 865 करोड़ की योजनाएं पेश की गयी हैं. जिसमें पेयजलापूर्ति, सड़कों का जीर्णोद्धार, चेकडैम, लघु सिंचाई समेत बाघमारा को खुले में शौच से मुक्त किया जाना शामिल है. इसमें महुदा बस्ती का पुनर्गठन भी शामिल है.
पेयजल विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार रामगढ़ जिले में 96.44 करोड़ की लागत से भुरकुंडा, मरार सेक्टर, बोरोबीन, हेसापोड़ा-सुतरी व गोवरदाहा-हुहुआ में पाइपलाइन से जलापूर्ति की योजना बनायी गयी है. इस जिले द्वारा कुपोषण, जिले को खुले में शौच से मुक्त करने व बंद पड़ी खदानों के पानी के इस्तेमाल की योजना भी दी गयी है.

प सिंहभूम जिले द्वारा 257 करोड़ की योजना बनायी गयी है. इसकेे तहत शुद्ध पेयजल, 24 स्वास्थ्य उपकेंद्र निर्माण व दो प्रखंडों में इको बायोपार्क बनाया जायेगा. मनोहरपुर व नोवामुंडी में अार्चरी सेंटर की स्थापना की जानी है. साथ ही सेंट्रलाइज्ड सरफेस वाटर प्यूरीफिकेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम की तीन योजना पारित की गयी है. नोवामुंडी प्रखंड के कुल छह पंचायतों में सोलर सिस्टम से संचालित पंप एवं पाइप लाइन से जलापूर्ति के लिए 23 योजना ली जा रही है. मनोहरपुर के छह पंचायतों में सोलर सिस्टम से संचालित पंप एवं पाइप लाइन से जलापूर्ति करने के लिए 82 योजनाओं का प्रस्ताव दिया गया है. सारंडा के सतही क्षेत्र में सोलर सिस्टम द्वारा संचालित दो जलापूर्ति योजना ली जायेगी.

बोकारो द्वारा 143 करोड़ रुपये की योजना दी गयी है. जिसमें प्रत्येक गांव में वाटर एटीएम लगाना शामिल है. चतरा द्वारा 258.53 करोड़ रुपये की योजना बनायी गयी है. जिसमें उत्खनन से होनेवाली बीमारियों के इलाज के लिए अस्पताल को अपग्रेड किया जाना शामिल है. गोड्डा द्वारा 67.23 करोड़ की योजना में पेयजल की योजनाओं को शामिल किया गया है. 11 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने की योजना भी है. हजारीबाग द्वारा एक सौ करोड़ की योजना दी गयी है. जिसमें दो प्रखंडों में शुद्ध पेयजलापूर्ति की योजना शामिल की गयी है.

रांची जिला द्वारा 27 करोड़ की योजनाएं पारित करायी गयी है, जिसमें 14 पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त किया जाना शामिल है.
लातेहार द्वारा नौ करोड़ की योजना दी गयी है, जिसमें छह गांव को खुले में शौच से मुक्त किया जाना शामिल है. पूर्वी सिंहभूम द्वारा 20 करोड़ की योजना दी गयी है. जिसमें 22 गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने एवं घाटशिला में शुद्ध पेयजल की योजना शामिल है.
जिलों में ही खर्च की जानी है राशि
डीएमएफटी के तहत जिन जिलों को जितनी राशि प्राप्त होगी, वह राशि उसी जिले में खर्च किया जाना है. राज्य सरकार ने इस वर्ष डीएमएफटी की राशि पेयजल एवं शौचालय निर्माण पर खर्च करने का फैसला किया है. पेयजल विभाग द्वारा अबतक 807.92 करोड़ रुपये की योजना दी गयी है. हालांकि इसमें राशि खर्च होने की सूचना अबतक खान एवं भूतत्व विभाग को नहीं दी गयी है. यह राशि जिलों को ही खर्च करना है.
डीएमएफटी फंड की स्थिति
कुल प्राप्त राशि 567.21 करोड़
किस जिले को मिल चुकी है कितनी राशि
जिला राशि(करोड़ में)
धनबाद 181.14
रामगढ़ 84.72
चाईबासा 71.73
बोकारो 59.78
चतरा 84.72
गोड्डा 37.89
हजारीबाग 13.30
देवघर 5.39
रांची 8.22
लातेहार 4.20
गुमला 8.17
पूर्वी सिंहभूम 9.58
गिरिडीह 1.48
रॉयल्टी कम आने से डीएमएफटी की राशि भी हो गयी कम
पूर्व में विभाग द्वारा डीएमएफटी के तहत 2053 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान लगाया था, पर लीज नवीकरण व अन्य मामलों के कारण कई बड़े खदान बंद हैं. इसी वजह डीएमएफटी से प्राप्त होनेवाली अनुमानित राशि में भी कटौती की गयी है. अब विभाग द्वारा यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 1479.71 करोड़ रुपये मिलेंगे.

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