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महिला चिकित्सक से थानेदार का दुर्व्यवहार
पति और ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज कराने पहुंची थी थाना रांची : टाटीसिलवे थाना क्षेत्र के चतरा निवासी महिला चिकित्सक डॉ रूपा रानी की शिकायत पर टाटीसिलवे थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. महिला कोडरमा निवासी चिकित्सक पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने की शिकायत […]
पति और ससुरालवालों के खिलाफ केस दर्ज कराने पहुंची थी थाना
रांची : टाटीसिलवे थाना क्षेत्र के चतरा निवासी महिला चिकित्सक डॉ रूपा रानी की शिकायत पर टाटीसिलवे थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. महिला कोडरमा निवासी चिकित्सक पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज के लिए प्रताड़ित करने की शिकायत करने 10 नवंबर को थाना पहुंची थी, लेकिन थाना प्रभारी ने महिला की शिकायत पर केस दर्ज नहीं किया.
महिला चिकित्सक को थाना प्रभारी समझाने लगे कि आजकल ऐसे केस में कुछ नहीं होता है. थाना प्रभारी ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया. इसके बाद उन्हें थाने से बाहर भेज दिया. इस बात की शिकायत 11 नवंबर को महिला चिकित्सक ने ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा के पास की थी. महिला चिकित्सक ने ग्रामीण एसपी को यह भी बताया था कि थानेदार कहते हैं कि घटनास्थल उनके क्षेत्र में नहीं है.
उनके पति और ससुराल के अन्य सदस्य कोडरमा में रहते हैं. ऐसे में पुलिस कोडरमा जाकर मामले में कैसे कार्रवाई करेगी. महिला की शिकायत सुनने के बाद ग्रामीण एसपी ने 11 नवंबर को केस करने का आदेश टाटीसिलवे थाना प्रभारी को दिया था. मामले में टाटीसिलवे थाना प्रभारी का कहना है कि आवेदन में महिला के हस्ताक्षर नहीं हैं. उनका मोबाइल नंबर भी नहीं है, इसलिए महिला चिकित्सक से संपर्क नहीं किया और रविवार की शाम तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. हालांकि आवेदन में महिला का पूरा पता और पिता का नाम भी है.
डीजीपी के आदेश का भी असर नहीं है थानेदार पर : उल्लेखनीय है कि डीजीपी डीके पांडेय का आदेश है कि पुलिस किसी पीड़ित महिला की शिकायत पर तुरंत केस दर्ज करे. मामले में ठीक से अनुसंधान करे, ताकि महिला को जल्द से जल्द न्याय मिल सके. थाना क्षेत्र या घटनास्थल की सीमा के विवाद में न पड़े. आइजी संपत मीणा भी पूर्व में यह कह चुकी हैं कि पुलिस महिलाओं की शिकायत को गंभीरता से सुने. उनकी शिकायत पर कार्रवाई करे. लेकिन टाटीसिलवे थाना प्रभारी पर महिला चिकित्सक द्वारा लगाये जा रहे आरोप से स्पष्ट है कि महिलाओं की शिकायत पर पुलिस न केस दर्ज कर रही है और न ही कार्रवाई.
मैं किसी पीड़ित महिला के साथ गलत व्यवहार नहीं कर सकता हूं. मैंने प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार नहीं किया था. महिला चिकित्सक मुझ पर गलत आरोप लगा रही है. केस दर्ज करने से संबंधित आदेश मुझे मिल चुका है. आवेदन में महिला के हस्ताक्षर नहीं हैं. इस वजह से मैं केस दर्ज नहीं कर पाया हूं.
रवींद्र प्रसाद सिंह, टाटीसिलवे थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर
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