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शिक्षकों को सात माह से वेतन नहीं

-राज्य के 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1233 शिक्षक बदहाल -14 को करेंगे भूख-हड़ताल जुलाई 2013 में मिला था वेतन रांचीः राज्य के 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों के 1233 शिक्षकों को गत सात माह से वेतन नहीं मिला है. अपने वेतन के लिए शिक्षा विभाग का चक्कर लगा कर शिक्षक थक गये हैं. […]

-राज्य के 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1233 शिक्षक बदहाल

-14 को करेंगे भूख-हड़ताल जुलाई 2013 में मिला था वेतन

रांचीः राज्य के 230 प्लस टू उच्च विद्यालयों के 1233 शिक्षकों को गत सात माह से वेतन नहीं मिला है. अपने वेतन के लिए शिक्षा विभाग का चक्कर लगा कर शिक्षक थक गये हैं. भूखे पेट रहकर शिक्षा दे रहे इन शिक्षकों ने अब भूख हड़ताल करने का निश्चय किया है. राज्य भर के प्लस टू उच्च विद्यालय के शिक्षकों की रविवार को जिला स्कूल परिसर में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया. आंखों में आंसू भरकर अपनी दयनीय हालत बयान करते शिक्षकों ने कहा कि दूसरों को शिक्षा दे रहे हैं लेकिन फीस के अभाव में अपने बच्चों का एडमिशन नहीं करा पा रहे हैं. मुहल्ले की दुकान से उधार मिलना भी बंद हो गया है. सरकार शिक्षा में गुणवत्ता की बात करती है. शिक्षकों को भूखे पेट रखकर यह संभव नहीं है. यह भी पता नहीं कि वेतन क्यों नहीं मिल रहा है या कब तक मिलेगा. अब तक सिर्फ आश्वासन मिला है. बैठक में शिक्षकों ने आंदोलन की रणनीति तय की. तय किया गया कि 14 फरवरी को शिक्षक राजभवन के समक्ष भूख-हड़ताल करेंगे. 15 फरवरी को उपवास कर काला बिल्ला लगा कर पठन-पाठन करेंगे.

जुलाई 2012 में हुई थी नियुक्ति

राज्य में जुलाई 2012 में प्लस टू उच्च विद्यालयों में 1233 शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी. नियुक्ति के बाद से ही शिक्षकों को कभी समय पर वेतन नहीं मिला. शुरू में एक साल तक वेतन नहीं मिला. एक दर्जन शिक्षक ऐसे हैं, जिनको नियुक्ति से लेकर अब तक वेतन नहीं मिला है. इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों का सत्यापन नहीं हुआ है. जबकि सत्यापन की जिम्मेदारी सरकार की है.

क्या कहते हैं शिक्षक

बच्चों का नामांकन नहीं करा पा रहे

सुनीता श्रुति महतो ने बताया वेतन नहीं मिलने से वह अपनी बेटी का नामांकन नहीं करा पा रही है. स्कूल में आवेदन देकर एक माह के समय की मांग की थी. स्कूल ने समय देने से इनकार कर दिया है. बच्चों का भविष्य प्रभावित हो रहा है.

बच्चों की पढ़ाई बाधित

रमन कुमार झा ने बताया कि उनके बच्चे को स्कूल से अब तक तीन बार नोटिस मिल चुका है. फरवरी में शुल्क नहीं देने पर परीक्षा से वंचित करने की चेतावनी दी गयी है.

दुकानदार नहीं दे रहे राशन

लक्ष्मी नारायण तिवारी ने बताया कि अब दुकानदार भी राशन देने से इनकार कर रहा है. दुकानदार के पास अधिक उधार हो गया है. अब परिवार की भूखे मरने की नौबत आ गयी है. कोई कर्ज भी नहीं देता.

नौकरी का नहीं हुआ एहसास

सुधांशु कुमार सिंह ने कहा कि कभी भी समय पर वेतन नहीं मिला. कभी एहसास ही नहीं हुआ कि नौकरी कर रहे हैं. सरकार की स्थिति से यही लग रहा है कि आगे भी समय पर वेतन नहीं मिलेगा .

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