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मुस्तैद रही पुलिस, रांची में 472 बंद समर्थक गिरफ्तार
विरोध प्रदर्शन. बड़कागांव गोलीकांड के खिलाफ विपक्षी दलों का बंद, दोपहर बाद जनजीवन सामान्य रांची : बंद की सूचना के मद्देनजर सोमवार सुबह से ही राजधानी रांची की सड़कें सुनसान दिख रही थीं. बंद को देखते हुए जिला प्रशासन और जिला पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये थे. पूरे शहर में हर सड़क आैर […]
विरोध प्रदर्शन. बड़कागांव गोलीकांड के खिलाफ विपक्षी दलों का बंद, दोपहर बाद जनजीवन सामान्य
रांची : बंद की सूचना के मद्देनजर सोमवार सुबह से ही राजधानी रांची की सड़कें सुनसान दिख रही थीं. बंद को देखते हुए जिला प्रशासन और जिला पुलिस ने सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये थे. पूरे शहर में हर सड़क आैर विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस की तैनाती थी.
इसी का नतीजा था कि राजधानी रांची में दोपहर बाद से ही जनजीवन सामान्य होने लगा था. सुबह दस बजे से विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता झंडा बैनर लेकर बंद के समर्थन में नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतरे. उनके सड़क पर आते ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जयपाल सिंह स्टेडियम व बिरसा मुंडाफुटबॉल ग्राउंड को कैंप जेल बनाया गया था. गिरफ्तार बंद समर्थकों को पुलिस वैन में भर कर कैंप जेल में भेज दिया गया. बाद में सभी को रिहा कर दिया गया. अलबर्ट एक्का चौक पर कोतवाली डीएसपी बहामन टुटी के नेतृत्व में काफी संख्या में फोर्स तैनात थी.
का व्यवसाय प्रभावित हुआ बंद में लंबी दूरी की बसें नहीं चलने से
बंद के दौरान रांची के विभिन्न बस स्टैंडों से लंबी दूरी की बस नहीं चलीं. कांटाटोली के खादगढ़ा, धुर्वा व आइटीआइ बस स्टैंड से लंबी दूरी की छोटी बड़ी 3000 बसें नहीं चलीं. रांची बस ऑनर एसोसिएशन, झारखंड के अध्यक्ष कृष्ण मोहन सिंह ने बताया कि बसों के नहीं चलने से लगभग तीन करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ. इस दौरान सभी बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा था. हालांकि, बंद समाप्त होने के बाद देर शात से चलने वाली कुछ बसों का परिचालन सामान्य दिनों के तरह हुआ.
थाना प्रभारी, थाना की पेट्रोलिंग पार्टी के अलावा
टाइगर मोबाइल को भी लगाया गया था सुरक्षा में
बंद को देखते हुए रांची जिले में सुरक्षा बलों के नौ सौ जवानों के अलावा, एक सौ पुलिस पदाधिकारियों व मजिस्ट्रेट को तैनात किया गया था. इनमें जिला सशस्त्र बल के 400, झारखंड आर्म्स पुलिस (जैप) के 150, स्टेट इंडस्ट्रीज सिक्यूरिटी फोर्स (एसआइएसएफ) के 150, महिला सशस्त्र पुलिस बल 100 व हजारीबाग पद्मा ट्रेनिंग सेंटर से आये 100 पुलिस पदाधिकारी और लाठी पार्टी को तैनात किया गया था. सुरक्षा में थाना प्रभारी, थाना की पेट्रोलिंग पार्टी, टाइगर मोबाइल को भी लगाया गया था.
बंद समर्थकों ने कुछ स्थानों पर की तोड़फोड़
टायर जला कर की रास्ता राेकने की कोिशश
बंद समर्थकों ने कई स्थानों पर तोड़फोड़ की. रातू रोड में अमरूद बागान के समीप स्थित रिलायंस फ्रेश में, लोअर बाजार थाना क्षेत्र के डंगराटोली चौक पर ऑटो व सूमो वाहन में, डोरंडा थाना क्षेत्र के हिनू चौक पर एक इंडिका कार में तोड़फोड़ की गयी़ राजधानी के कई स्थानों पर टायर जला कर व रोड अवरुद्ध कर विरोध जताया गया. कडरू के डीएवी कपिलदेव के समीप बांस लगा कर रोड बंद करने का प्रयास किया गया था, जिसके कारण एक बाइक सवार युवक बांस से टकरा कर जख्मी हो गया.
मेन रोड में दोपहर बाद सामान्य हो गये हालात
रांची. बंद का मेन रोड में मिला-जुला असर दिखा. सुबह यहां की अधिकतर दुकानें बंद रहीं. वहीं, दोपहर बाद कई दुकानें खुल गयी थीं. बंद समर्थकों से निबटने के लिए अलबर्ट एक्का चौक में काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे. यहां की विधि-व्यवस्था सदर एसडीओ आदित्य आनंद देख रहे थे. झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरे. इन नेताओं को अलबर्ट एक्का चौक पर गिरफ्तार कर मोरहाबादी मैदान ले जाया गया. अलबर्ट एक्का चौक से ही जदयू, राजद और सपा कार्यकर्ताओं की भी गिरफ्तारी हुई.
बरियातू व करमटोली में खुली रहीं दुकानें
रांची. बरियातू से करमटोली तक झारखंड बंद का असर नहीं दिखा. व्यावसायिक वाहन जैसे ऑटो, छोटे मालवाहक वाहन आम दिनों की तरह ही चले. हालांकि, ऑटो की संख्या सामान्य दिनों से कम थी.
वहीं सभी छोटे दुकान व बड़े प्रतिष्ठान खुले हुए थे. सुबह नौ बजे के करीब कुछ समर्थक बंद कराने निकले थे. वे थोड़ी दूर गये ही थे कि करमटोली चौक पर तैनात पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर कैंप जेल भेज दिया गया. पूरे बरियातू इलाके में पुलिस की तैनाती थी. बरियातू रोड में बरियातू, सदर व लालपुर पुलिस मुस्तैद थी. करमटोली चौक पर रैपिड एक्शन फोर्स व जिला बल के जवानों भी काफी संख्या में तैनात थे.
कचहरी-लालपुर सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन
रांची. बंद के दौरान कचहरी चौक से लालपुर तक की सड़क सुनसान दिखी. पूरे दिन इस सड़क पर जगह-जगह पुलिस तैनात थी और लगातार पीसीआर वैन पेट्रोलिंग कर रही थी. शाम चार बजे से पहले इस सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही दिखायी दिये. वहीं, होटल, मॉल और दुकानें भी बंद रहीं.
छात्रों से भरे रहनेवाले हरिओम टावर में सन्नाटा पसरा हुआ था. हालांकि, शाम होते ही दुकानें और होटल सामान्य तरीके से खुले.
कडरू और अरगोड़ा : कडरू, अशोकनगर और अरगोड़ा में बंद का असर नहीं के बराबर रहा. इन क्षेत्रों में लगभग सभी दुकानें खुली रहीं. वाहनों का आवागमन भी सुचारू रूप से हुआ.
डोरंडा और हिनू में बंद बाजार खुला रहा
रांची. डोरंडा में बंद बेअसर रहा. यहां के अधिकतर दुकानें खुली रहीं. प्रतिदिन लगनेवाले सब्जी बाजारों में बाहर के व्यापारी पहुंचते रहे. हालांकि, सुबह के वक्त खरीदार कम आये, लेकिन शाम होते ही लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुरक्षा के दृष्टिकोण से जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती भी दिखी.
उधर, हिनू में बंद का मिला-जुला असर रह. मुख्य सड़कों पर वाहनों का आवागमन कम रहा. वहीं दुकानें खुली थीं. कांग्रेस समर्थकों ने दिन में मोटरसाइकिल जुलूस निकाल कर दुकानें बंद करायीं. इसका नेतृत्व कांग्रेसी नेता विनय सिन्हा दीपू कर रहे थे. हिनू में भी शाम चार बजे के बाद से अधिकतर दुकानें खुल गयीं.
धुर्वा में खुली रही दुकानें लेकिन ऑटो कम चले
रांची. धुर्वा में बंद का असर नहीं दिखा. यहां दुकानें खुली हुई थीं. लोग आम दिनों की तरह ही निजी वाहनों से आवागमन कर रहे थे. हालांकि, ऑटो व सिटी बस की संख्या कम थी.
दिन के 11.15 बजे कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा के समक्ष टायर जला कर विरोध किया, जिसे पुलिस ने तत्काल हटा दिया व कांग्रेस नेता विशाल सिंह सहित अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया. कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोटरसाइकिल जुलूस निकाला. सेक्टर दो, बिरसा चौक में व हटिया स्टेशन रोड में दुकानें बंद थीं. इधर बंद को लेकर बिरसा चौक, विधानसभा व अन्य जगहों पर जवानाें की तैनाती की गयी थी.
रातू रोड में मिला-जुला असर, छोटे वाहन चले
रांची. रातू रोड में बंद का मिला-जुला असर दिखा. दोपहर 12 बजे तक गिनी-चुनी दुकानें खुलीं, लेकिन दोपहर बाद लगभग सभी दुकानें खुल गयी थीं. अक्सर जाम रहने वाली सड़क पर सुबह के समय इक्का-दुक्का वाहन दिख रहे थे, लेकिन दोपहर बाद वाहनों का आवागमन भी इस रोड पर सामान्य हो गया.
उधर, पूरे दिन आइटीआइ बस स्टैंड से बसें नहीं चलीं. स्टैंड सूना रहा, इसके बावजूद कई यात्री पहुंचे थे. उन्हें मार्शल, बोलेरो सहित अन्य छोटी गाड़ियां ढोती रहीं. गुमला, लोहरदगा व अन्य क्षेत्रों से कई छोटी गाड़ियां आकर बस स्टैंड में लगी रहीं. स्टैंड की अधिकतर दुकानें भी बंद रहीं.
कुम्हारटोली के निकट उपद्रवियों ने ऑटाे का शीशा तोड़ा, पुलिस के आते ही भाग खड़े हुए
रांची. पुरुलिया रोड में बंद का असर थोड़ा ज्यादा दिखा. सर्जना चौक से कुम्हारटोली तक की 70 फीसदी दुकानें बंद रहीं. लेकिन, कांटाटोली चौक की दुकानें खुली रहीं. बंद समर्थकों ने सुबह नौ से दस बजे के बीच कुम्हारटोली के निकट उपद्रव मचाया. उन लोगों ने यहां दो-तीन ऑटो रिक्शा और एक चार पहिये वाहन का शीशा तोड़ दिया. जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची बंद समर्थक वहां से भाग निकले. दोपहर 12 बजे एक्सआइएसएस के निकट बंद समर्थकों ने सड़क पर टायर जलाया, जिसे स्कूली छात्रों ने बुझा दिया. सर्जना चौक से कांटाटोली चौक तक ऑटोरिक्शा का परिचालन कम हुआ.
सड़कों पर भीड़ कम दिखी, लेकिन स्कूल-कॉलेजों के खुले रहने के कारण रौनक बनी रही. कांटाटोली, डंगराटोली, मिशन चौक और सर्जना चौक पर काफी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. उधर, झारखंड बंद के समर्थन में उतरे आदिवासी जन परिषद की महानगर कमेटी के अध्यक्ष कृष्ण मुंडा को करमटोली चौक से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा कि सरकार आदिवासियों व विस्थापितों पर गोलियां चलवा रही है. लोगों पर गोला, बड़कागांव और खूंटी में गोली चलायी गयी हैं, लेकिन सरकार गोलियों से लोगों की विचारधारा नहीं बदल सकती.
आत्मचिंतन करना चािहए विपक्षी दलों को : दीपक प्रकाश
रांची. भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा कि विपक्ष के बंद के दौरान जन-जीवन पूरी तरह से सामान्य रहा. सड़कों पर आम दिनों की तरह आवाजाही होती रही. जनता के मौन विरोध से विपक्षी दलों को आत्मचिंतन करना चाहिए कि आखिर कब तक नकारात्मक मुद्दों को लेकर लोगों को बरगलाने की कोशिश की जाती रहेगी. श्री प्रकाश ने झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से पूछा है कि गोला में जिन बेकसूरों को अपनी जा गंवानी पड़ी, उसके पीछे उन्हीं के पार्टी के राजीव जायसवाल की क्या भूमिका थी? उन्होंने अपने मुख्यमंत्री रहने के दौरान कोयलकारों के विस्थापितों पर गोली चला कर कौन सा न्याय कियाथा?
सुबह से ही सड़कों पर जमे थे विपक्षी नेता
रांची : झारखंड बंद के आह्वान पर सोमवार सुबह से ही विपक्षी दलों के नेता-कार्यकर्ता राजधानी बंद कराने के लिए सड़कों पर उतर गये. अलग-अलग चौराहों पर कांग्रेस, झाविमो, राजद-जदयू और वाम दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला. वे सड़क पर चलनेवाले आम लोगों और प्रतिष्ठान के मालिकों से बंद में सहयोग देने का अपील कर रहे थे.
आलमगीर ने भी दी गिरफ्तारी : कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, आलोक कुमार दुबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव डोरंडा में बंद कराने उतरे. इन्हें डोरंडा गिरफ्तार कर थाने में रखा गया.
कांग्रेस नेता सुनील सिंह ने पिस्का मोड़ के इलाके में बंद कराया. महानगर अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में कई नेताओं ने गिरफ्तारी दी. पूर्व पार्षद राजन वर्मा, राकेश वर्मा, सहित कई लोग कचहरी के इलाके में निकले. कांग्रेस नेता आदित्य विक्रम जायसवाल और जदयू नेता रमेश सिंह के नेतृत्व में बंद समर्थकों ने गांधीगीरी की और सड़क पर चलनेवालों को माला पहनाया.
झाविमो नेताओं ने निकाला मार्च : बंद के समर्थन में झाविमो नेता और कार्यकर्ता भी सुबह से ही सड़क पर उतर गये थे. झाविमो नेता बंधु तिर्की, राजीव रंजन मिश्रा, सुनील गुप्ता, जितेंद्र वर्मा, शोभा यादव, दयानंद राम, मुजीब कुरैसी, दीपू सिन्हा, उत्तम यादवसहित कई लोग बंद कराने निकले थे.
झाविमो नेताओं ने मोटरसाइकिल जुलूस निकाला था. बाद में पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया और मोरहाबादी कैंप जेल लाया गया़
जदयू और राजद के नेताओं-कार्यकर्ताओं बंद कराया : जदयू नेता डॉ आफताब जमील, संजय सहाय, श्रवण कुमार, जफर कमला, अर्जुन गिरी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता पिस्का मोड़, रातू रोड, अपर बाजार में बंद कराते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. यहां जदयू नेताओं ने गिरफ्तारी दी.
इधर, राजद के नेताओं ने भी गिरफ्तारी दी. राजद नेता अनिल सिंह आजाद, आबिद अली, कैलाश यादव, अर्जुन यादव, मनोज अग्रवाल, जीतू यादव, अविनाश पांडेय, रामकुमार पाहन, सतरूपा पांडेय, मो गफ्फार, सुरेश यादव, विनय यादव, अरुण यादव, संतोष प्रसाद सहित कई नेताओं ने भूमिका निभायी.
विपक्ष के विधायक समेत बड़े नेता उतरे सड़क पर
राजधानी रांची में बाबूलाल मरांडी व सुबोधकांत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने संभाल रखा था मोरचा
रांची. बड़कागांव गोलीकांड के खिलाफ आहूत विपक्ष के बंद में कांग्रेस, झाविमो, राजद, जदयू और वाम दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भूमिका निभायी. राज्य भर में विपक्षी दलों के विधायक व बड़े नेता सड़क पर उतरे. राजधानी में बाबूलाल मरांडी और सुबोधकांत के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मोरचा संभाल रखा था.
बंधु तिर्की भी अलग-अलग इलाके में बंद कराने निकले थे. गुमला में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव, बरही में विधायक मनोज यादव, कोडरमा में अन्नपूर्णा देवी, बगोदर में पूर्व विधायक विनोद सिंह, निरसा में अरूप चटर्जी, जामताड़ा में इरफान अंसारी, हजारीबाग में पूर्व सांसद भुनेश्वर मेहता, चतरा में जनार्दन पासवान, संताल में विधायक बादल पत्रलेख, पूर्व विधायक राजेश रंजन, सुरेश पासवान सहित कई नेताओं ने मोरचा संभाला़ पार्टियों के प्रदेश अध्यक्षों का भी पूरा सहयोग रहा. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो, राजद के गौतम सागर राणा, माले के जनार्दन प्रसाद, भाकपा के केडी सिंह व माकपा के जीके बख्शी ने भी मोरचाबंदी की़
सीटू ने बंद को सफल बताया, दी बधाई
भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) ने वामदल व विपक्ष के आह्वान पर आहूत बंद को सफल बताया है और इसके लिए राज्य के मजदूर वर्ग व आम जनता को बधाई दी है. वहीं, बंद को विफल करने के प्रयासों के लिए झारखंड चेंबर अॉफ कॉमर्स की निंदा की है. सीटू के महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा है कि लगता है चेंबर को व्यापारियों के हितों के बजाय भाजपा की चिंता ज्यादा है.
भाजपा का अंतिम समय आ गया है : सुबोधकांत
बंद को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने सफल बताया. सोमवार को मेन रोड में गिरफ्तार किये जाने के बाद श्री सहाय ने कहा कि राज्य की सवा तीन करोड़ जनता ने बंद का समर्थन किया है. गोला, बड़कागांव व खूंटी में आम जनता पर रघुवर दास ने चलवायी है. अब भाजपा का अंतिम समय आ गया है. रघुवर दास भाजपा की कब्र खोद रहे हैं.
जमीन के साथ जान भी लेगी सरकार : मरांडी
झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार की मंशा केवल यहां के लोगों की जमीन लेने की ही नहीं है, बल्कि सरकार की मंशा जमीन के साथ-साथ जान लेने की भी है. इसी का नतीजा आज झारखंड में देखने काे मिल रहा है. पार्टी अब चुप नहीं रहेगी. सरकार की इस गलत मंशा काे लेकर अब गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जायेगा.
जनता में सरकार के खिलाफ आक्रोश: राजू
आदिवासी-मूलवासी जनाधिकार मंच
के केंद्रीय अध्यक्ष राजू महतो ने कहा
कि बड़कागांव, गोला अौर खूंटी गोलीकांड के खिलाफ आहूत बंद पूरी तरह सफल रहा. बंद से साफ हो गया कि यहां की जनता में झारखंड सरकार के खिलाफ आक्रोश है.
आम जनता ने बंद को सफल बनाया: सुखदेव
आम जनता ने झारखंड बंद को सफल बनाया. सरकार के जुल्मी और तानाशाही रवैये के प्रति जनता का गुस्सा सामने आया. रघुवर सरकार को बंदी से सबक लेना चाहिए और समस्याओं के प्रति संवदेनशील होना चाहिए.
सुखदेव भगत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
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