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सीआइ को मिले थे छह लाख रुपये

डोमचांच में 427 एकड़ वन भूमि बेचे जाने का मामला कोडरमा : डोमचांच अंचल के बहुचर्चित 427 एकड़ वन भूमि घोटाले के मामले में आये दिन नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि लैंड पॉजिशन सर्टिफिकेट जारी करने व कागजात में हेराफेरी करने के लिए अंचल […]

डोमचांच में 427 एकड़ वन भूमि बेचे जाने का मामला

कोडरमा : डोमचांच अंचल के बहुचर्चित 427 एकड़ वन भूमि घोटाले के मामले में आये दिन नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि लैंड पॉजिशन सर्टिफिकेट जारी करने व कागजात में हेराफेरी करने के लिए अंचल निरीक्षक रामजी प्रसाद गुप्ता के निजी खाते में लाखों की राशि ट्रांसफर की गयी थी. पुलिस का कहना है कि छह लाख रुपये खाते में डाले गये थे, जबकि सीआइ की ओर से बीस लाख रुपये की मांग की गयी थी.

इधर, डोमचांच के सीओ रुकमेश मिश्र की भी संलिप्तता सामने आ रही है. ऐसे में जल्द ही उनकी भी गिरफ्तारी हो सकती है. बताया जाता है कि सीओ को भी रिश्वत के रूप में लाखों की रकम मिली थी. कोडरमा एसपी संगीता कुमारी ने बताया कि सीआई के खाते में पैसा ट्रांसफर होने की बात सामने आने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया. सीओ की भी भूमिका सामने आ रही है. मामले की जांच हो रही है. सीओ की भी गिरफ्तारी हो सकती है. उन्होंने कहा कि अन्य वारंटियों की भी जल्द गिरफ्तारी होगी.

खरसावां के मेस्कोट रियल इस्टेट प्रा. लि. ने दिये पैसे : पुलिस पदाधिकारियों की मानें तो सीआई के खाते में मेस्कोट रियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड इच्छापुर, बजरंग टोला आदित्यपुर थाना आरआईटी खरसावां की ओर से आरटीजीएस (इंटरनेट) के माध्यम से पैसे ट्रांसफर किये गये. यह कंपनी रामचंद्र मार्डी की दिखाई गई है. हालांकि जांच के क्रम में यह बात भी सामने आ रही है कि उक्त कंपनी का कोई कार्यालय खरसावां में नहीं है.

24 में से 16 लोग फर्जी : पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि जिन 24 लोगों को डीसीएलआर जितेंद्र कुमार देव के बयान पर प्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया था, उनमें से विक्रेता, गवाह सहित 16 लोग फर्जी हैं. यानी इन्होंने जो पहचान पत्र दिये, पता दिया, नाम लिखाया वे फर्जी थे.

जुस्को में कोई नहीं मिला : थाना प्रभारी अरुण गुप्ता ने बताया कि टाटा स्टील के मुख्य प्रशासक मदन गोपाल व प्रबधंक भूमि एवं मार्केट राजीव डेविड की गिरफ्तारी के लिए 28 फरवरी को छापामारी भी की गई, पर टाटा के जुस्को स्थित कार्यालय से दोनों फरार मिले. बिस्टुपुर थाना को सहयोग करने व इनकी गिरफ्तारी में सहयोग करने की अपील की गई है. उन्होंने बताया कि तत्कालीन जिला निबंधन पदाधिकारी मनोज रूखैयार व अन्य की गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास हो रहा है. जरूरत पड़ी तो इश्तिेहार निकालकार चिपकाया जायेगा.

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