रांची: झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन ने नाराज तीनों विधायक मथुरा महतो, जगन्नाथ महतो व विद्युत वरण महतो को बातचीत के लिए बुलाया है. एक फरवरी को तीनों विधायक शिबू सोरेन से मिलेंगे. गौरतलब है कि स्वर्गीय सुधीर महतो की पत्नी सविता महतो का नाम राज्यसभा प्रत्याशी से वापस लिये जाने पर तीनों विधायकों ने अपना इस्तीफा शिबू सोरेन को सौंप दिया था.
इधर, पार्टी की ओर से ही संकेत दिया गया था कि एक से दो दिन में सविता महतो को किसी बोर्ड या निगम का चेयरमैन बना दिया जायेगा. अब उन्हें पुन: राज्यसभा ही भेजने की बात हो रही है.
विधायक मथुरा महतो ने कहा कि वह आज भी अपने फैसले पर अडिग हैं. शिबू सोरेन ने वार्ता के लिए बुलाया है, तो जरूर जायेंगे, पर विधानसभा अध्यक्ष के पास भी इस्तीफा देने जायेंगे. उन्होंने कहा कि यह एक शहीद परिवार के सम्मान की बात है. पार्टी में रह कर ही उन्होंने प्रतिवाद किया है, जिस पर वह अडिग हैं. विधायक विद्युत वरण महतो ने कहा कि एक फरवरी को शिबू सोरेन से मुलाकात करेंगे. इसके बाद तीनों विधायक आपस में बैठ कर तय करेंगे कि आगे क्या करना है.
सम्मान जनक हल नहीं, तो देंगे सामूहिक इस्तीफा
पेटरवार/रांची. सविता महतो की राज्यसभा की उम्मीदवारी की वापसी को लेकर पेटरवार स्थित वन विभाग परिसर में झामुमो की जिला स्तरीय बैठक हुई. अध्यक्षता लालू सोरेन ने की. इस मौके पर डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो भी मौजूद थे. कार्यकर्ताओं ने एकस्वर में कहा कि एक फरवरी को रांची में की बैठक में मामले का सम्मानजनक हल नहीं निकला, तो बोकारो जिला समिति, प्रखंड समिति व पंचायत समिति से वे सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देंगे. श्री महतो ने स्पष्ट कहा कि उन्हें पार्टी की केंद्रीय कमेटी ने विधायक नहीं बनाया, बल्कि कार्यकर्ताओं की बदौलत ही वे यह रुतबा हासिल कर सके हैं. नाराज जगन्नाथ ने कहा कि झामुमो ने पार्टी के 18 विधायकों के बजाय राजद के पांच विधायकों को सम्मान दिया. बैठक पूर्व उपमुख्यमंत्री सुधीर महतो की श्रद्घांजलि देने के बाद शुरू हुई. कहा : सविता देवी की नाम वापसी से पूरे झारखंड का अपमान हुआ है. कार्यकर्ताओं का आदेश ही मेरे लिए सर्वोपरि है. अंतिम दम तक वे अपने फैसले पर अडिग रहेंगे.
दावा करता हूं कि इस बार भी हुई हॉर्स ट्रेडिंग : जगन्नाथ
बोकारो/रांची. अपनी बातों पर मैं पूरा कायम हूं. शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा भी सौंप दूंगा. क्या ऐसा हो सकता है कि झारखंड में कोई एक भी व्यक्ति नहीं इस काबिल न हो, जिसे राज्यसभा भेजा जा सके. हमें सांसद दूसरे राज्यों से लाने पड़ रहे हैं. गुजरात और हरियाणा के लोग भला झारखंड के भले की बात क्यों सोचेंगे.
ऐसी राजनीति पर लानत है. यही कारण है कि झारखंड का यह हाल है. बोकारो जिला परिषद की बैठक में शामिल होने आये झामुमो के डुमरी विधायक जगन्नाथ महतो पत्रकारों से बात कर रहे थे. श्री महतो कहा : एक निर्दलीय को प्रत्याशी बनाने का मतलब ही है कि आजसू और बीजेपी बिक चुकी है. पूरे दावे के साथ मैं कह सकता हूं कि इस बार के राज्यसभा चुनाव में भी हॉर्स टड्रिंग हुई है. भाजपा और आजसू पार्टी ने पैसे के कारण ही निर्दलीय को मैदान में उतारा है और जेएमएम दबाव में. राजद और कांग्रेस प्रदेश को बरबाद करने में लगे हैं.
विशेष दूत बने जयप्रकाश, मथुरा से की बात
सविता महतो प्रकरण में रुठे झामुमो के तीनों कुड़मी विधायकों की अगुआई कर रहे टुंडी विधायक मथुरा महतो को मनाने का दौर जारी है. सरकार के विशेष दूत के रूप में शुक्रवार को राज्य के पेयजल व स्वच्छता मंत्री जयप्रकाश भाई पटेल धनबाद पहुंचे. उनका यहां कोई कार्यक्रम नहीं था. वह अचानक आये और सर्किट हाउस में अपने ससुर मथुरा महतो से बंद कमरे में गुफ्तगू की. ससुर-दामाद में लगभग डेढ़ घंटे तक बात होने के बाद मंत्री रांची लौट गये. माना जा रहा है कि पार्टी सुप्रीमो को जाकर श्री पटेल वार्ता का संदेश देंगे. गुरुजी को यह बताने की कोशिश करेंगे कि रुठे विधायकों की क्या मांग है. राजनीतिक पंडितों का मानना है कि तीनों विधायक इस प्रयास में हैं कि कल सुबह 10 बजे गुरुजी के साथ प्रस्तावित वार्ता में यह प्रयास करेंगे कि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे. यानी कुड़मी समाज में जो आक्रोश फैला है, वह शांत भी हो जाये और पार्टी टूटे भी नहीं. इतना ही नहीं कुड़मी समाज में यह भी संदेश जाये कि जगन्नाथ महतो, विद्युत वरण व मथुरा समाज के लिए पद भी त्याग करने को तैयार हैं. इधर, यह भी चर्चा है कि सरकार ने जेपी को मनाने का भार सौंपा है. इसलिए वह काफी दबाव में हैं.
आया विद्युत वरण का फोन मंत्री अपने ससुर से बात कर ही कर रहे थे कि विधायक विद्युत चरण महतो का फोन मंत्री के मोबाइल पर आया. दोनों ने शनिवार 10 बजे सुबह गुरुजी से मिलने की बात मोबाइल पर की. इस संबंध में पूछे जाने पर मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि उनकी कोर्ट में पेशी थी, इसलिए आये हैं. लेकिन मंत्री का आने के बारे में वह कुछ नहीं बोले. अलबत्ता मंत्री ने कहा कि उनकी ससुराल यहां हैं तो आते ही जाते रहते हैं. काफी कुरेदने पर मथुरा ने कहा कि सम्मान पर चोट लगी है. गुरुजी को स्थिति से अवगत कराऊंगा. उसके बाद कोई फैसला लूंगा. उन्होंने अन्य दलों द्वारा की जा रही आलोचना को बेवजह बताया.