रांची: राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने कहा है कि राज्य के अधिकारी कुरसी पर बैठ कर निर्णय लेते हैं, जबकि हमलोग (नेता) गांव में कुत्ता-बिलाई की तरह घूमते रहते हैं. अगर अधिकारी गांव में जाते भी हैं, तो दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं और मुर्गा खाकर निर्णय लेते हैं कि किसे काम देना है.
ऐसे में कहां से काम होगा. सत्ता का विकेंद्रीकरण हो गया है, पर पावर का विकेंद्रीकरण बाकी है. वह मंगलवार को हरमू स्थित पटेल मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय मनरेगा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने अधिकारियों को नसीहत दी कि उन्हें गांव की ओर कूच करना चाहिए. गांव में बैठ कर रणनीति बनायें. दलालों के माध्यम से काम नहीं करें. मुर्गा-मछली और खाना खाकर काम नहीं करना है. मजदूरों के बीच भूखे रह कर भी काम करें.
सरकार आपको जिस उद्देश्य के लिए पैसा/तनख्वाह देती है, उसमें अगर आप गरीब का पैसा खाइयेगा, तो दिक्कत होगी, भविष्य में दिक्कत होगी. आप तो कमाइयेगा, लेकिन बाल-बच्च भोगेंगे. अगर गरीब का आंसू पोछेंगे, तो आपके बाल-बच्चे राज करेंगे. गरीब आपको आशीर्वाद देंगे.