रांची: राज्य सरकार ने 48 हजार से अधिक फरजी पेंशनधारियों को पेंशन देना बंद कर दिया है. ये पेंशनधारी एक ही आधार कार्ड पर अलग-अलग नाम से पेंशन योजनाओं का लाभ ले रहे थे. मुख्य सचिव आरएस शर्मा के निर्देश के बाद श्रम विभाग ने राज्य के सभी जिलों में फरजी पेंशनधारियों की पेंशन बंद कर दी है. इस जालसाजी का परदाफाश भुगतान प्रक्रिया को आधार नंबर और सरवर के साथ जोड़े जाने से हुआ है.
उल्लेखनीय है कि राज्य में सामाजिक सुरक्षा के तहत लगभग नौ लाख लोगों को विभिन्न प्रकार की पेंशन दी जाती है. सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने और सही व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आधार कार्ड से भुगतान प्रक्रिया डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) शुरू की गयी है. इसके तहत अब तक लगभग 2.5 लाख पेंशनधारियों के आधार नंबर को सरवर से जोड़ा जा सका है. इनमें से ही 48 हजार से अधिक पेंशनधारी फरजी पाये गये हैं. संभावना जतायी जा रही है कि 6.5 लाख पेंशनधारियों के आधार नंबर को सरवर से जोड़ने के बाद इस संख्या में और अधिक इजाफा हो सकता है.
अब तक पकड़े गये फरजी पेंशनधारियों को हर महीने 1.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा रहा था. फरजी पेंशनधारी सालों से पेंशन राशि उठा रहे थे. राज्य सरकार मानती है कि अब तक फरजी पेंशनधारियों को करोड़ों रुपये का भुगतान किया जा चुका है. आधार कार्ड को सरवर से जोड़ने पर यह बात भी सामने आयी है कि एक आधार नंबर का उपयोग 10-10 पेंशनधारियों की पेंशन राशि बैंक एकाउंट में ट्रांसफर किये जाने के मामले सामने आये हैं.