रांची: राज्य के मंत्रियों (पहले पर सरकार का कुल 311.04 लाख रुपये कर्ज है. मंत्रियों ने कर्ज यह रकम गाड़ी खरीदने के लिए ली थी. हालांकि वित्तीय वर्ष 2012-13 में किसी मंत्री ने कर्ज में से एक रुपये भी नहीं लौटाये. मामले की गंभीरता को देखते हुए वित्त विभाग ने कर्ज लेने और समय पर नहीं लौटानेवालों का विस्तृत ब्योरा मांगा है.
महालेखाकार (अकाउंटस) मनोज सहाय ने वित्तीय वर्ष 2012-13 की रिपोर्ट में विधायकों और मंत्रियों को द्वारा गाड़ी खरीदने के लिए दिये गये कर्ज और वसूली का ब्योरा तैयार किया है. रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2012 तक राज्य के मंत्रियों पर गाड़ी खरीदने के लिए कर्ज के मद में 311.04 लाख रुपये बकाया था. वित्तीय वर्ष 2012-13 में किसी मंत्री ने ना तो नया कर्ज लिया ना ही किसी ने पहले(अप्रैल 2012 तक) के कर्ज में कुछ वापस किया.
रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2012 तक विधायकों पर गाड़ी के कर्ज के मद में 713.62 लाख रुपये बकाया था. वित्तीय वर्ष 2012-13 में विधायकों ने गाड़ी खरीदने के लिए 68.14 लाख रुपये कर्ज लिया.
पहले लिये गये कर्ज की रकम में से 2012-13 में 6.10 लाख रुपये वापस किये. इस तरह अप्रैल 2013 तक मंत्रियों और विधायकों पर गड़ी मद में लिये गये कर्ज का 1086.70 लाख रुपये बकाया था. महालेखाकार की रिपोर्ट में वर्णित इन तथ्यों के मद्देनजर वित्त सचिव ने विधानसभा से विधायकों,मंत्रियों को दिये गये कर्ज और वसूली का विस्तृत ब्योरा मांगा है.