रांची : श्रम मंत्री चंद्रशेखर दुबे ने कहा है कि घरेलू कामगारों का उत्पीड़न, शोषण से संबंधित शिकायत आती है तो वैसे नियोक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. घरेलू कामगारों में ज्यादातर महिलाएं एवं किशोरियां होती हैं.
कठिन श्रम के बाद भी इन्हें उचित वेतन नहीं मिलता. उन्होंने कहा कि घरेलू कामगारों की समस्याओं को वे जानते हैं और इसे दूर करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि वे मजदूर आंदोलन से बहुत अरसे से जुड़े हैं, इसलिए गरीबों का दर्द भी जानते हैं. श्रम मंत्री गुरुवार को राष्ट्रीय घरेलू कामगार संगठन के स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे. मौके पर मानवाधिकार कार्यकर्ता ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि घरेलू कामगारों के कल्याण के लिए नीतियां बनाना काफी नहीं है, उसके लिए कड़े कानून बनाने होंगे. उन्होंने कहा कि शहरों में घरेलू कामगारों की स्थितियां काफी खराब हैं. वे बहुत कम वेतन पर काम करती हैं. उनके साथ शारीरिक, मानसिक एवं यौन शोषण जैसी घटनाएं होती हैं. यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख जॉब जकारिया ने भी घरेलू कामगारों की बुरी स्थिति पर चिंता प्रकट की.
उन्होंने कहा कि घरेलू कामगारों के कल्याण के लिए सामूहिक पहल करने की जरूरत है. संगठन के फादर चेतन ने संगठन के कार्यो पर प्रकाश डाला. आलोका, सिस्टर प्रिया सहित अन्य ने भी संबोधित किया. मौके पर घरेलू कामगारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. कार्यक्रम में कई घरेलू कामगारों को शॉल और प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित भी किया गया.