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आय से अधिक संपत्ति का मामला: चंद्रप्रकाश, दुलाल के खिलाफ नहीं मिले साक्ष्य

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, दुलाल भुइयां, खान विभाग के पूर्व सचिव जयशंकर तिवारी व पूर्व निदेशक विपिन सिंह सहित करीब 40 प्रतिवादियों के खिलाफ सीबीआइ को कोई साक्ष्य नहीं मिला. मामले में सोमवार को हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ में […]

रांची: आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, दुलाल भुइयां, खान विभाग के पूर्व सचिव जयशंकर तिवारी व पूर्व निदेशक विपिन सिंह सहित करीब 40 प्रतिवादियों के खिलाफ सीबीआइ को कोई साक्ष्य नहीं मिला.

मामले में सोमवार को हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस आर भानुमति व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ में सुनवाई हुई. सीबीआइ की ओर से अधिवक्ता मो मोख्तार खान ने खंडपीठ को बताया कि आयकर विभाग से मिले दस्तावेज की जांच के बाद सभी के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले.

इसलिए इनके खिलाफ मामला चलाने का कोई औचित्य नहीं बनता. इसके बाद खंडपीठ ने इस संबंध में दायर जनहित याचिका को निष्पादित कर दिया. सुनवाई के दौरान सीबीआइ की ओर से बताया गया कि आय से अधिक संपत्ति मामले (आरसी-चार) में पूर्व मंत्री हरिनारायण राय व एनोस एक्का के खिलाफ चाजर्शीट दायर कर दी गयी है. आरसी-पांच मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सहित भानु प्रताप शाही, कमलेश कुमार सिंह, विनोद सिन्हा व अन्य के खिलाफ चाजर्शीट दाखिल की गयी है. राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण घोटाले (आरसी-13 इ) में साक्ष्य नहीं मिलने पर क्लोजर रिपोर्ट दायर की गयी है. सीबीआइ का पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका निष्पादित कर दी. साथ ही प्रार्थी को छूट दी कि वह सीबीआइ रिपोर्ट का अध्ययन करें. जांच में कोई शिकायत है, तो सीबीआइ के समक्ष रखें. इसके बाद भी शिकायत हो, तो वह याचिका दाखिल कर सकता है.

किसने दायर की थी याचिका
दुर्गा उरांव ने 2008 में जनहित याचिका दायर कर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व मंत्री कमलेश कुमार सिंह, भानु प्रताप शाही, चंद्र प्रकाश चौधरी, दुलाल भुइयां, बंधु तिर्की व अन्य के खिलाफ पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये की संपत्ति अजिर्त करने का आरोप लगाया था. कोर्ट के आदेश पर मामले की सीबीआइ ने जांच की थी. दुर्गा उरांव की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की.

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