बाघमारा: बाघमारा थानान्तर्गत विस्थापित बड़ा पांडेयडीह बस्ती में गुरुवार की रात अपने आवास पर एक महिला ने अपनी बेटी के साथ केरोसिन छिड़क कर आत्मदाह कर लिया. घटना की सूचना मिलने पर तड़के साढ़े चार बजे मौके पर पहुंची बाघमारा पुलिस ने जलते शव को बुझा कर अपने कब्जे में कर लिया.
घटना के बारे में बताया जाता है कि गुरुवार की रात्रि करीब तीन बजे पड़ोस में रहनेवाली मृतका की गोतनी ने देवर श्याम प्रसाद महतो के घर से धुआं और दरुगध आने के बाद इसकी सूचना गांव के ही जगदीश महतो को दी. तुरंत पुलिस को सूचना दी गयी.
मौके पर पहुंची बाघमारा पुलिस ने पड़ोसी पवन महतो के घर की खिड़की तोड़ श्याम प्रसाद महतो के आवास पर एक लड़के को दाखिल कराया, लेकिन घर में अंदर से ताला लगा हुआ था. ताले को तोड़ बाघमारा थाने के सहायक अवर निरीक्षक शिव शंकर पांडेय घर में घुसे तो देखा आंगन में श्याम प्रसाद महतो की पत्नी ज्योत्स्ना देवी (38) और उसकी पुत्री मधु कुमारी (14) के शव जल रहे थे. पुलिस ने आनन-फानन में शव को बुझाया. हालांकि शव पूरी तरह जल चुका था.
क्या कहते हैं बाघमारा डीएसपी
बाघमारा डीएसपी विनोद कुमार गुप्ता ने कहा कि मामले में मृतका का सुसाइडल नोट मिला है और स्कूल डायरी से उसके हस्ताक्षर का मिलान किया गया है. प्रथम दृष्टया मामले में हर पहलू पर जांच की जा रही है और कोई दोषी होगा, तो इस पर कार्रवाई की जायेगी.
पति डय़ूटी पर था
घटना के बारे में मृतका के पति श्याम प्रसाद महतो ने कहा कि रात 12 बजे वह डय़ूटी चला गया. शुक्रवार प्रात: 7 बजे साले ने मोबाइल कर दीदी की तबीयत खराब होने की सूचना दी, घर पहुंचा तो घटना की जानकारी मिली. वहीं ज्योत्स्ना देवी के मायके के लोग दामाद श्याम प्रसाद महतो पर हत्या का आरोप लगा रहे हैं. आरोप लगाया कि भगिनी मृतका मधु कुमारी मंदबुद्धि थी और इसके कारण उनकी बेटी ज्योत्स्ना देवी को प्रताड़ित किया जाता था और एक षड़यंत्र के तहत इन दोनों की हत्या कर दी गयी.
साथ में ही सोया था बेटा : घटना के वक्त मृतक का 12 वर्षीय पुत्र दामोदर महतो ने कमरे में अपनी मां और बहन के साथ ही सोने की बात कही है. जलने की घटना के समय वह सोया हुआ था. जब जागा, तब तक पुलिस आ चुकी थी. वह जिस कमरे में सोया था, उसमें बाहर से कुंडी लगी हुई थी.
ज्योत्स्ना ने छोड़ा सुसाइडल नोट
मृतका ज्योत्स्ना ने सुसाइडल नोट छोड़ा है, जिसमें वह अपनी बेटी की हत्या की जिम्मेवार खुद को बताते हुए किसी को दोषी नहीं बनाने की बात कही है. लिखा है कि घटना का शांति से निपटारा हो जाये. तभी उसकीआत्मा को शांति मिलेगी.