रांची: बालू को लेकर सरकार ने भले ही नीलामी नहीं करने का फैसला लिया है, लेकिन बालू की आपूर्ति कैसे हो, इसकी कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है. इस कारण बाजार में अभी भी बालू की कालाबाजारी जारी है.
एक ट्रक बालू खरीदने के लिए छह हजार रुपये तक का भुगतान करना पड़ रहा है. वहीं एक ट्रैक्टर बालू खरीदने के लिए तीन से साढ़े तीन हजार रुपये तक भुगतान करना पड़ रहा है. इतनी राशि देने के बाद भी बालू आसानी से नहीं मिल रहा है. इसके लिए भी दो से तीन दिनों तक इंतजार करना पड़ता है.
थानों में पकड़े जा रहे हैं ट्रक
बालू कारोबार से जुड़े एक व्यवसायी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बालू की आपूर्ति में कठिनाई हो रही है. चोरी-छिपे ही बालू की आपूर्ति की जा रही है. जब कोई व्यक्ति बालू के लिए सप्लायर से संपर्क करता है, तो उसे साफ-साफ बता दिया जाता है कि पांच हजार से छह हजार रुपये तक लगेंगे. रात के अंधेरे में पुलिस से बचते-बचाते बालू की आपूर्ति की जाती है. पुलिस भी बालू ट्रकों के पीछे पड़ी हुई है.
जब गाड़ी पकड़ी जाती है, तब पुलिस को चढ़ावा देना पड़ता है. इसके बाद बालू की दर एक से डेढ़ हजार रुपये प्रति गाड़ी बढ़ा दी जाती है. यानी एक आदमी को इस समय बालू कम से कम छह हजार रुपये गाड़ी ही मिल पा रही है. पहले रातू रोड व कांठीटांड़ में ग्रामीण ट्रैक्टर से बालू लेकर आते थे, जिन्हें जरूरत होती थी, वह सीधे इनसे बात कर बालू खरीद लेते थे. अब इन पर भी आफत है. ट्रैक्टरवाले किसी गली में बालू को छिपा कर रखते हैं. पुलिस से बचते-बचाते ही आपूर्ति करते हैं. रातू रोड में अब बालू लदे ट्रैक्टर नहीं दिखते. बालू व्यवसायी ने बताया कि प्रशासन ने कोई राहत नहीं दी है. केवल सरकारी निर्माण कार्य में आसानी से बालू की आपूर्ति हो रही है. पर आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. पुलिस की वसूली बढ़ गयी है. बालू व्यवसायी ने बताया कि सरकार ने यह नहीं सोचा कि बालू की आपूर्ति कैसे होगी. जिनका मकान बन रहा है वह अपना निर्माण तो बंद नहीं कर सकते.