रांची: पशुपालन विभाग के अधिकारियों की सेवा शर्त नियमावली तैयार हो गयी है. यह 13 साल से नहीं बनी थी. विभाग ने इसको अधिसूचित भी कर दिया है. अब वरीय अधिकारी ही कनीय के बॉस हो पायेंगे. पहले की तरह वरीय पद कनीय को नहीं मिल पायेगा. विभाग के अधिकारी ही निदेशक भी होंगे.
वर्ष 2013 में कृषि व पशुपालन विभाग मे कई उल्लेखनीय काम किये. पशुपालन निदेशालय के नये भवन का शिलान्यास किया गया. इसका निर्माण हटिया में किया जाना है. पशुपालन विभाग ने पेट क्लिनिक भी शुरू किया. रांची में सफलतापूर्वक पालतू पशुओं का इलाज शुरू हुआ.
190 प्रखंडों में तैयार हो गया एटिक सेंटर
कृषि विभाग ने अपनी सेवा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए 190 एटिक सेंटर प्रखंडों में तैयार कराया. यहां किसानों को आधा दर्जन से अधिक सेवा मिलेगी. कुल 212 एटिक सेंटर बनाये जाने थे. किसानों को अत्याधुनिक सुविधाओं से जानकारी देने के लिए एनइजीपी सेंटर विकसित किये जा रहे हैं. किसानों को अत्याधुनिक रूप से प्रशिक्षण देने के लिए जैसमिन नामक प्रशिक्षण संस्थान का गठन किया गया. यहां किसानों को हर प्रकार का प्रशिक्षण दिया जायेगा. साल समाप्त होने से दो दिन पहले सरकार ने कृषि अधिकारियों और कर्मचारियों के सेवा शर्त नियमावली को भी मंजूरी दे दी. इससे अधिकारियों के प्रमोशन और नयी नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. कृषि विभाग ने अपने कईकाम पंचायतों से कराने का निर्णय लिया. भूमि संरक्षण से होनेवाले विकास के कईकाम जिला परिषद को दे दिये गये.
जो नहीं हो सका
जनसेवकों की प्रोन्नति नहीं हो सकी
नहीं बन सकी कृषि नीति
प्रभार में चल रहे कई पद
एक भी बीज ग्राम का नहीं हो सका जीर्णोद्धार
कृषि निदेशालय का संयुक्त भवन पूरा नहीं