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झारखंड में 1.50 लाख वृद्धा पेंशनधारी फरजी

रांची: झारखंड में वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले 1.50 लाख से अधिक फरजी लाभुक हैं. उनके खातों को आधार कार्ड से जोड़ने के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ है. हालांकि सरकार को अभी भी इस बात की जानकारी नहीं है कि किस जिले में कितने लाभुक फरजी हैं. श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की […]

रांची: झारखंड में वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले 1.50 लाख से अधिक फरजी लाभुक हैं. उनके खातों को आधार कार्ड से जोड़ने के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ है. हालांकि सरकार को अभी भी इस बात की जानकारी नहीं है कि किस जिले में कितने लाभुक फरजी हैं.

श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से संचालित सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम के तहत राज्य भर में 9,41,155 लाभुकों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है. इनमें से 15.93 प्रतिशत लाभुक फरजी हैं, जिन्हें बिचौलियों के माध्यम से पेंशन का लाभ मिलता है. विभागीय सूत्रों के अनुसार मुख्यालय स्तर पर इन फरजी पेंशनधारियों का कोई रिकार्ड नहीं है. सभी जिलों को निर्देश दिया गया है कि वैसे पेंशनधारी जिनका खाता बैंक और डाकघर दोनों जगहों पर है, उन्हें चिह्न्ति कर सरकार को सूचित करें.

आंकड़ों के अनुसार इन लाभुकों को छह करोड़ रुपये पेंशन की राशि मिल रही है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब भी राज्य सरकार की ओर से 10652 पेंशनधारियों को नगद राशि का भुगतान किया जाता है. सिर्फ 20 प्रतिशत लाभुकों का ही आधार कार्ड के साथ कनवर्जेस हो पाया है.

कुल 6,33,953 लाभुकों का बैंक खाता है. 2,96,547 पेंशनधारी अब भी डाकघरों के माध्यम से पेंशन की राशि पाते हैं. सरकार की ओर से 1,81,675 पेंशनधारकों के खातों को बैंक के मार्फत आधार कार्ड सीडिंग के लिए भेजा गया है. वैसे 2,31,307 पेंशनधारकों का आधार कार्ड निर्गत किया जा चुका है. अब तक किसी भी लाभुकों को डीबीटी का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि राज्य में पेंशन वितरण की निगरानी के लिए ऑनलाइन ओल्ड एज पेंशन वितरण और निगरानी व्यवस्था लागू की गयी है. राज्य में पेंशन योजना के तहत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विकलांगता पेंशन योजना चलायी जा रही है.

30 हजार से अधिक पेंशनधारी कम हुए हैं : प्रधान सचिव
श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव विष्णु कुमार का मानना है कि राज्य के सात जिलों में डीबीटी सेवा के तहत डिजिटाइजेशन का काम हो रहा है. रांची, रामगढ़, हजारीबाग, सरायकेला-खरसांवां, खूंटी समेत सात जिलों में चल रहे डीबीटी कार्यक्रम के अंतर्गत केंद्र प्रायोजित योजनाओं को आधार कार्ड से जोड़ा गया है. सामाजिक सुरक्षा के 30 हजार से अधिक पेंशनधारियों की संख्या कम हुई है. पूरे राज्य में डीबीटी लागू होने पर यह संख्या और बढ़ेगी.

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