रांची: प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही की छह करोड़ की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त (प्रोविजनल अटैचमेंट) कर ली है. जब्त की गयी संपत्ति में दिल्ली स्थित फ्लैट भी शामिल है. इसके अलावा रांची, गुड़गांव, गढ़वा और उत्तर प्रदेश की जमीन भी जब्त की गयी है.
2009 में दर्ज हुआ था मामला : इडी ने मधु कोड़ा, कमलेश सिंह, हरिनारायण राय, एनोस एक्का, बंधु तिकी और भानु प्रताप शाही के खिलाफ 2009 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. इडी ने भानु प्रताप की ओर से अवैध रूप से अजिर्त की गयी संपत्ति की कीमत करीब सात करोड़ रुपये आंकी है. भानु प्रताप की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त करने के बाद इडी की ओर से एडजुकेटिंग अथॉरिटी में आवेदन दिया जायेगा. इसमें पूर्व मंत्री की संपत्ति स्थायी रूप से जब्त करने का अनुरोध किया जायेगा. पूर्व मंत्री का पक्ष सुनने के बाद अथॉरिटी इस पर अंतिम फैसला सुनायेगी.
इडी ने जांच में क्या पाया : जांच के दौरान इडी ने पाया कि भानु प्रताप शाही ने लोक सेवक की हैसियत से काम करते हुए अपनी आमदनी के मुकाबले सात करोड़ रुपये अधिक की संपत्ति अजिर्त की. जांच में कहा गया है कि पूर्व मंत्री ने अपनी नाजायज कमाई को जायज करार देने के लिए सोनांचल बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड और अंगेश ट्रेडको प्राइवेट लिमिटेड नामक दो कंपनियां बनायीं.
कंपनी का मुख्यालय दिल्ली रखा:इन कंपनियों में अपने भांजे अभिषेक सिंह और प्रशांत कुमार सिंह को निदेशक बनाया. पूर्व मंत्री अपनी नाजायज कमाई को दिल्ली की कागजी कंपनियों के सहारे इंट्री के माध्यम से अपनी कंपनियों में हस्तांतरित किया. इसके बाद अपनी कंपनी के माध्यम से जमीन खरीदी. मंत्री ने दिल्ली में चार करोड़ रुपये की लागत से एक फ्लैट खरीदा. रांची में अपनी बहन संतोषी देवी और भांजे के नाम 20 लाख रुपये में 10 एकड़ जमीन खरीदी. पूर्व मंत्री ने अपने रिश्तेदारों के नाम उत्तर प्रदेश में भी जमीन खरीदी है.
जब्त की गयी संपत्ति का ब्योरा
दिल्ली स्थित फ्लैट, रांची की 10 एकड़ जमीन, गुड़गांव स्थित जमीन और उत्तर प्रदेश व गढ़वा स्थित जमीन
इनकी संपत्ति हो चुकी है जब्त
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, एनोस एक्का, हरिनारायण राय